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हरियाणा में महिलाओं के लिए सृजित हो रहे रोजगार के अवसर

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संजय मग्गू
महिलाएं जीवन का ही आधार नहीं हैं, बल्कि यदि उन्हें मौका मिले तो वह घर-परिवार की आर्थिक स्थिति को भी बदलने में सहायक हो सकती हैं। महिलाएं ऐसा कर भी रही हैं। उन्हें इस बात को साबित करने की भी जरूरत नहीं है। वह जिस तरह हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष कर रही हैं, वह सराहनीय है। अब हरियाणा में 25 हजार बीमा सखियों की भर्ती करके उन महिलाओं को सशक्त बनाया जाएगा जो सिर्फ दसवीं पास हैं। इसमें गांव की महिलाओं को प्राथमिकता मिलेगी। ग्रामीण महिलाओं के लिए वैसे भी रोजगार के अवसर काफी कम होते हैं। अगर मिलता भी है, तो मनरेगा या असंगठित क्षेत्र में मजदूर का काम करना पड़ता है। भवन निर्माण, ईंट-भट्ठा, खेत में निराई-गुड़ाई जैसे काम ही ज्यादातर मिलते हैं। अब दसवीं पास महिलाओं के लिए एक नई खिड़की खुली है जिसके सहारे वे बीमा सखी जैसा सम्मानजनक काम हासिल कर सकती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानीपत से पूरे देश के लिए तीन लाख महिलाओं के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम की बीमा सखी योजना की शुरुआत करके एक मौका उपलब्ध कराया है। इसके माध्यम से शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अपनी आर्थिक दशा  सुधारने के साथ-साथ समाज में भी अपनी गरिमा स्थापित कर सकती हैं। आर्थिक उन्नयन के साथ-साथ यदि किसी महिला को सामाजिक सम्मान प्राप्त करना हो, तो स्वरोजगार और देश-प्रदेश की सरकारों द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में अपनी सहभागिता दिखानी होगी। हरियाणा में पहले से ही महिलाओं के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं चल रही हैं, उनका लाभ भी वे उठा रही हैं। कौशल विकास और रोजगार के लिए हरियाणा में ड्रोन दीदी, लखपति दीदी, बैंक सखी, पशु सखी, सीएससी सखी जैसे कई योजनाएं संचालित हैं। सैनी सरकार ने तो प्रदेश की 3.13 करोड़ आबादी में से लगभग डेढ़ लाख से अधिक लखपती दीदी बनाने में सफलता हासिल कर ली है। यह अभियान अभी निरतंर जारी रहेगा। प्रदेश सरकार ने शहरी और ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का सराहनीय प्रयास किया है। स्वयं सहायता समूह के साथ जुड़कर प्रदेश की शहरी और ग्रामीण महिलाएं अपने कौशल का बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं। इनके उत्पाद भी काफी सराहे जा रहे हैं। गांवों और शहरों में सहभागिता के आधार बनाए गए सामान या उत्पाद की मांग घरेलू बाजार में तो है ही, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अच्छी खासी डिमांड है। यह महिलाओं के कौशल और काम करने की ललक को जाहिर करता है। सरकारी सुविधाओं का लाभ भी महिलाएं बहुत अचछी तरह से उठा रही हैं। अब उम्मीद है कि बीमा सखी बनकर प्रदेश की 25 हजार महिलाएं अपने काम में अच्छा प्रदर्शन करेंगी।

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