हरियाणा में सीएम विंडो पोर्टल की शुरुआत इसलिए की गई थी ताकि प्रदेश की जनता को होने वाली परेशानियों को दूर किया जा सके। शुरुआत में सीएम विंडो ने अच्छी खासी लोकप्रियता हासिल की। लोगों ने अपनी-अपनी समस्याएं लिखनी शुरू की, तो सरकार ने भी आगे बढ़कर उनकी समस्याओं का निराकरण करने का भरसक प्रयास किया। इससे सीएम मनोहर लाल और उनका मंत्रिमंडल काफी उत्साहित हुआ। सरकार ने लोगों की समस्याओं को गंभीरता से लिया। इसके बाद लोकसभा और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीएम ने जनसंवाद कार्यक्रम और पोर्टल शुरू किया। सीएम मनोहर लाल अब तक पांच जिलों में जनसंवाद कार्यक्रम कर चुके हैं। अब सरकार खुद लोगों से संवाद करने उनके दरवाजे पर जाने लगी। इन जनसंवादों में भारी भीड़ जुटने लगी। लोग अपनी बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी समस्याएं लेकर पहुंचने लगे।
इतना ही नहीं, वे अपनी दिक्कतों को जनसंवाद पोर्टल पर भी डालने लगे। पिछले कई महीनों के दौरान मुख्यमंत्री ने कई जिलों में जनसंवाद कार्यक्रम किए। कुछ जगहों पर अव्यवस्थाओं के चलते लोगों ने विरोध तो जरूर जाहिर किया, लेकिन सरकार की मंशा पर उन्हें कोई शक नहीं था। इससे सरकार को जनता की नब्ज जानने का मौका मिला। सरकार अपनी कल्याणकारी नीतियों को जनता तक पहुंचाने और उनकी परेशानियों को दूर करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। अब हालात यह हैं कि सीएम विंडो की जगह जनसंवाद कार्यक्रम ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है।
पहली बात तो सरकार के उनके द्वार आने की अनुभूति ही लोगों के लिए आह्लादकारी है। दूसरी उनकी छोटी-मोटी समस्याओं का तुरंत निराकरण हो जाता है। वहीं बड़ी समस्याएं तत्काल संज्ञान में ले ली जाती हैं। अभी तक जनसंवाद पोर्टल पर 13 हजार से अधिक शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। इनमें से अधिकांश का निराकरण भी हो चुका है। खास बात यह है कि इस पोर्टल पर जनसंवाद कार्यक्रमों के दौरान आई शिकायतों को ही दर्ज किया जा रहा है। कुछ शिकायतें तो प्रदेश के मंत्रियों के माध्यम से दर्ज कराई गई हैं। इन शिकायतों के निराकरण के लिए सरकार ने सिविल सचिवालय में अलग से एक ब्रांच का गठन किया है। इस ब्रांच में कई दर्जन अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
इन लोगों को सख्त निर्देश है कि जितनी जल्दी हो सके, इन समस्याओं का निराकरण किया जाए। इस मामले में तो सबसे ज्यादा लोकप्रिय गृह मंत्री अनिल विज का जनता दरबार है। यह जनता दरबार साप्ताहिक लगता है। कई बार तो अनिल विज के बाहर होने पर भी हजारों लोग जुटते हैं। गृहमंत्री विज को यह अपील भी करनी पड़ती है कि वे आज न आएं, वे खुद आज कहीं बाहर हैं, लेकिन लोग हैं कि मानते नहीं हैं। जनता दरबार का सिस्टम भी बेहतरीन है। उन्हें जब कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो शिकायत कर्ता के पास सारी डिटेल भेजी जाती है। वह अपनी शिकायत के बारे में सब कुछ जान सकता है।
संजय मग्गू