मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक बार फिर दोहराया है कि अपराध, भ्रष्टाचार एवं जातिवाद के खिलाफ उनकी सरकार का रवैया पूर्ववत् सख्त रहेगा। बुधवार को सोनीपत के मंच से सीएम ने पिछले साढ़े आठ साल के अपने कार्यकाल के दौरान हासिल उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि बेरोजगारों को उनकी सरकार में बिना पर्ची-खर्ची के नौकरियां दी गर्इं और मेरिट का पूरा ख्याल रखा गया। किसानों के लिए फसल मुआवजे की धनराशि बढ़ाने का कार्य भी उन्हीं की सरकार ने किया। सच भी यही है कि क्राइम, करप्शन एंड कास्ट पॉलिटिक्स यानी ट्रिपल ‘सी’ को मनोहर लाल सरकार ने कभी बर्दाश्त नहीं किया। मुख्यमंत्री कई बार साफ तौर पर कह चुके हैं कि कि ट्रिपल ‘सी’ के खिलाफ प्रदेश सरकार जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर चल रही है।
अगर कोई सरकारी अधिकारी-कर्मचारी अथवा जन-प्रतिनिधि रिश्वत लेते या कर्तव्य पालन में ढिलाई बरतते हुए पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सरकार ऐसे तत्वों के प्रति किसी भी तरह की हमदर्दी नहीं बरतेगी। यह सिर्फ किसी सरकार के मुखिया का एक बयान भर नहीं है, बल्कि साफ दिख रहा है कि भ्रष्टाचारियों के हौसले लगातार पस्त हो रहे हैं।हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो ने जोशो-खरोश के साथ अभियान छेड़ रखा है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में आएदिन भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर गाज गिर रही है, जिनमें आईटीआई प्रिंसिपल, पुलिस अधिकारी, पटवारी एवं ग्राम सचिव जैसे लोग शामिल हैं। अभी दो दिन पहले ही फायर एनओसी रिन्यू करने के बदले एक लाख रुपये की मांग करने वाले दमकल अधिकारी को एसीबी ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
भ्रष्टाचारियों के माथे पर शिकन साफ देखी जा रही है, सोते-जागते उनके पसीने छूट रहे हैं। ट्रिपल ‘सी’ की नकेल कसना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसकी निगरानी स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल कर रहे हैं। आज स्थिति यह है कि अगर किसी भी विभाग का कोई अधिकारी या कर्मचारी काम करने के बदले नजराने की मांग करता है, तो लोग बेखौफ एंटी करप्शन ब्यूरो के दफ्तर की ओर चल देते हैं, क्योंकि उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि एसीबी ऐसे रिश्वतखोरों को सबक जरूर सिखाएगी।
संजय मग्गू