केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक बार फिर दोहराया है कि ड्रग्स के काले कारोबार के खिलाफ देश की जंग निरंतर जारी रहेगी। गत 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग व तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर जारी अपने एक संदेश में गृहमंत्री ने कहा कि यह केंद्र सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है कि हम भारत में ड्रग्स का व्यापार नहीं होने देंगे और न भारत के माध्यम से विश्व के बाकी देशों में ड्रग्स को जाने देंगे। उन्होंने कहा कि इस काले कारोबार को खत्म करने के लिए सरकार ने साल 2019 में केंद्र से लेकर जिला स्तर तक एनकार्ड (नार्को को-आॅर्डिनेशन सेंटर) की स्थापना की। यही नहीं, हर राज्य के पुलिस विभाग में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का भी गठन किया गया।
उन्होंने कहा कि ड्रग्स के खिलाफ देशव्यापी मुहिम का असर यह है कि अब तक छह लाख किलोग्राम ड्रग्स को नष्ट किया जा चुका है। उधर, राष्ट्रीय राजधानी में एलजी विनय कुमार सक्सेना की मौजूदगी में दिल्ली पुलिस द्वारा जहांगीरपुरी में इंसीनेटर के माध्यम से 15 टन ड्रग्स को नष्ट किया गया, जिसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 2200 करोड़ रुपये बताई जाती है। दिल्ली में इस साल नशे के खिलाफ की गई कार्रवाई के तहत 773 मामलों में 939 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
वहीं, 38 किलो हेरोइन, 15 किलो कोकीन, 1845 किलो गांजा, 233 किलो अफीम, 71 किलो डोडा पोस्त एवं साढ़े दस किलो चरस को भी जब्त किया गया। गृह मंत्रालय के तत्वावधान में ‘माईगवर्नमेंट.इन’ पर चली मुहिम ‘से यस टू लाइफ, नो टू ड्रग्स’ के तहत नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बड़ी संख्या में हर आयु वर्ग के लोगों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई। लोगों ने अपनी शपथ में कहा, ‘हमने जिंदगी को हां और नशे को ना कहें’ संकल्प लिया है और नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने में सहयोग करने और इससे दूर रहकर एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है।
वहीं, हरियाणा की पलवल पुलिस ने गुरुग्राम स्थित बायो वेस्ट लिमिटेड में 413 किलो से ज्यादा मादक पदार्थ एवं नशीली दवाओं को नष्ट कराया, जिनकी कीमत तकरीबन 70 लाख रुपये बताई जाती है। केंद्र एवं राज्य सरकारों की सख्ती के चलते पिछले दो सालों के दौरान ड्रग्स के कारोबारियों के हौसले पस्त हुए हैं। मिशन अभी जारी है।
संजय मग्गू