Saturday, July 27, 2024
30.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiबोधिवृक्ष: अब्राहम लिंकन की हास्यप्रियता

बोधिवृक्ष: अब्राहम लिंकन की हास्यप्रियता

Google News
Google News

- Advertisement -

अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन का बचपन काफी गरीबी में बीता था। लेकिन पढ़ने की ललक में गरीबी कभी बाधा नहीं बन पाई। उन्होंने तमाम बाधाओं के बीच वकालत पास की और गरीबों का मुकदमा बिना फीस लिए लड़ा करते थे। कहते हैं कि वह काफी हास्य प्रिय भी थे। तनाव के दौरान भी वे हास्य के पल खोज लेते थे। उन दिनों अमेरिका में गृहयुद्ध का माहौल था। अमेरिकी नागरिक काफी परेशान थे। पूरे अमेरिका में एक भय व्याप्त था। लोग घरों से बाहर निकलने से भी डर रहे थे। ऐसे में ह्वाइट हाउस में अमेरिकी शासन-प्रशासन के बड़े अधिकारियों की बैठक राष्ट्रपति के साथ हो रही थी। इसी दौरान ह्वाइट हाउस के दरवाजे पर एक व्यक्ति आया और बोला कि मैं लिंकन का मित्र हूं और उन्हें हकलाते इंसाफ का किस्सा सुनाना चाहता हूं।

गार्ड ने उससे कहा कि इस समय बहुत जरूरी मीटिंग चल रही है। वे किसी से भी मिलना नहीं चाहते हैं। उस आदमी ने कई बार गार्ड से कहा कि आप उनके सामने एक बार मेरा नाम तो लीजिए। उनसे कहिए कि उनका मित्र ओरलैंडो केलॉग आया है। कई बार आग्रह करने पर गार्ड अंदर गया और थोड़ी देर बाद लौटकर उस आदमी को अंदर भेज दिया। अंदर पहुंचते ही लिंकन ने उसका गर्मजोशी से स्वागत किया और उससे बातचीत करने लगे। बातचीत के दौरान चुटकुले शुरू हो गए और तनावग्रस्त लोग ठहाके लगाने लगे। अपने मित्र की बात पर राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन भी खूब हंसे।

इसी दौरान लिंकन ने अमेरिका को काफी दिनों से परेशान कर रही समस्या का हल भी खोज लिया। अब्राहिम लिंकन की इसी खूबी ने उन्हें महान बना दिया। अपनी हास्यप्रियता और गरीबों का पक्षधर होने के नाते आज भी लिंकन याद किए जाते हैं।

अशोक मिश्र

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

Recent Comments