Wednesday, October 30, 2024
33.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiहरियाणा में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने की जरूरत

हरियाणा में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने की जरूरत

Google News
Google News

- Advertisement -

लोकसभा की चुनावी रणभेरी बज उठी है। गली-नुक्कड़, चौक-चौराहों से लेकर घरों और क्लबों में होने वाली गपगोष्ठियों में लोकसभा चुनाव की चर्चा होने लगी है। हरियाणा के लोग वैसे तो मस्तमौला और जिंदादिल माने जाते हैं। लेकिन हरियाणा की राजनीति में यह पहली बार है, जब प्रदेश में कानून व्यवस्था की बिगड़ती दशा पर चर्चा होने लगी है। प्रदेश में पिछले कुछ सालों से अपराध की बाढ़ सी आ गई है। विरोधी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है। कोई भी सभा हो, सेमिनार हो या लोगों का जमाव हो, सत्ता पक्ष पर इस मामले को लेकर विपक्षी दल प्रहार करने से नहीं चूक रहे हैं। हालांकि, भाजपा सरकार का कहना है कि प्रदेश में किसी तरह कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी नहीं है। सब कुछ नियंत्रण में है। विपक्षी दल बातों का बतंगड़ बना रहे हैं।

आंकड़े बता रहे हैं कि विपक्षी दलों की बात काफी हद तक सही है। प्रदेश में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के साथ होने वाले अपराध के मामले में हरियाणा देश में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। हरियाणा में प्रति एक लाख महिलाओं की आबादी में अपराध का प्रतिशत 118.7 रहा है, जबकि इस मामले में दिल्ली 144.4 प्रतिशत के साथ आगे रही है। अपराधियों को पकड़ने के बाद उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने के मामले में भी हरियाणा तीसरे स्थान पर है। अगर हम राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के आधार पर बात करें, तो वर्ष 2022 में प्रदेश में 2.43 लाख आपराधिक मामले दर्ज हुए थे। यह आंकड़े पिछले साल के मुकाबले में 17.6 प्रतिशत अधिक था। यदि हम बच्चों के साथ होने वाले अपराध की बात करें, तो यह पिछले साल के मुकाबले 7.7 प्रतिशत अधिक था।

यह भी पढ़ें : गुलाम का बेटा जार्ज बना कृषि वैज्ञानिक

वर्ष 2022 में बच्चों के साथ होने वाले अपराध के 6138 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं इससे एक साल पहले यह आंकड़ा 5700 था। प्रदेश में पॉक्सो एक्ट के तहत 1272 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से कितने बच्चों को न्याय मिल पाया, इसका आंकड़ा शायद अभी जारी नहीं किया गया है। अगर आंकड़ों के जंजाल से बाहर निकल कर बात की जाए, तो यह सही है कि प्रदेश में पिछले कुछ सालों में अपराध बढ़े हैं। सरकार को चाहिए कि वह अपराध पर नियंत्रण करने के साथ-साथ इनके कारणों की तलाश करें। आज सोशल मीडिया ने युवाओं के सामने अश्लीलता का एक बहुत बड़ा बाजार खोलकर रख दिया है। यह दुनिया युवाओं को बहुत लुभाती है। इस उत्तेजना में वे अपराध कर बैठते हैं। बढ़ते अपराध का एक कारण बेरोजगारी भी है। बेरोजगार युवा धीरे-धीरे कुंठित होकर अपराध की ओर मुड़ जाता है। यदि प्रदेश सरकार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करे तो काफी हद तक अपराध पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

Sanjay Maggu

-संजय मग्गू

लेटेस्ट खबरों के लिए क्लिक करें : https://deshrojana.com/

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना की ‘खूनी’ लव स्टोरी: हॉरर यूनिवर्स में नया कदम

बॉलीवुड के प्रतिभाशाली अभिनेता आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना एक नई फिल्म के लिए तैयार हैं, जो एक हॉरर यूनिवर्स में 'खूनी' लव स्टोरी...

up news: उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया पर हथियार बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया

उत्तर प्रदेश(up news:) पुलिस ने सोशल मीडिया पर हथियार बेचने में संलिप्त एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है और इस मामले में सात लोगों...

diwali-us: न्यूयॉर्क शहर के इतिहास में पहली बार, दिवाली पर स्कूल बंद रहेंगे

एक ऐतिहासिक कदम के तहत, न्यू यॉर्क सिटी(diwali-us:) के स्कूल 1 नवंबर को हिंदू त्योहार दीवाली के अवसर पर बंद रहेंगे। यह पहली बार...

Recent Comments