अपनी मौत के लगभग नौ दशक बाद भी अमेरिकी कारोबारी जॉन डेविसन रॉकफेलर अपनी अमीरी के साथ-साथ दानशीलता के लिए याद किए जाते हैं। 8 जुलाई 1839 को अमेरिका के अपस्टेट न्यूयार्क में जन्मे जॉन डी रॉकफेलर ने अपना बचपन काफी गरीबी में गुजारा था। अपनी मेहनत, लगन और जुनून के चलते रॉकफेलर ने एक दिन अपने को अमेरिका के सबसे अमीर लोगों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। जब वह छोटे थे, तो एक दिन अपने परिवार की आर्थिक स्थिति पर बात करती हुई उनकी मां ने कहा था कि देखो बेटा!
जो आदमी कड़ी मेहनत, धैर्यशीलता और आगे बढ़ने का जुनून पालता है, वह दुनिया में कुछ भी कर सकता है। आदमी को अपनी जरूरत भर का ही खर्च करना चाहिए, तभी वह कुछ संचय करके अमीर हो सकता है। जॉन डी रॉकफेलर ने अपनी मां की इस सीख को जीवन भर गांठ बांधकर रखा। जब वह सोलह साल के हुए तो उन्होंने एक दुकान पर पुस्तक बेचने का काम किया। इस काम के दौरान जॉन ने व्यवसाय के गुर सीखे। उन्होंने व्यवसाय को आगे बढ़ाने की कला सीखी। धीरे-धीरे वे व्यवसाय की बारीकियों को सीखते हुए आगे बढ़ते रहे।
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सन 1859 में उन्होंने तेल व्यवसाय के क्षेत्र में कदम रखा। अपनी प्रतिभा और समझ के बल पर 1870 में स्टैंडर्ड आॅयल कंपनी बनाई। इस कंपनी ने धीरे-धीरे अमेरिका के तेल उद्योग के नब्बे फीसदी कारोबार पर कब्जा कर लिया। इस समय बाद जॉन रॉकफेलर ने अपनी कमाई का हिस्सा तमाम लोगों को दान करना शुरू कर दिया। शिक्षा, चिकित्सा जैसे क्षेत्र में उन्होंने बहुत दान किए ताकि लोगों को अच्छी और मुफ्त में चिकित्सा सुविधा मिल सके। गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके। अपनी दानशीलता के लिए आज भी याद किए जाते है जॉन डी रॉकफेलर।
-अशोक मिश्र
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