सीबीआई ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जो रिपोर्ट पेश की है, वह चौंकाने वाली है। पूरे प्रदेश में 162 करोड़ रुपये का पेंशन घोटाला हुआ और वर्ष 2011 से 2015 तक हुए घोटाले में आज तक की सरकारें कुछ नहीं कर पाईं। सीबीआई रिपोर्ट के मुताबिक साल 2011 से 2015 तक उन लोगों को सरकारी खजाने से पेंशन जाती रही जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं था। बहुत पहले मर चुके, अपात्र और जिनका दुनिया में कभी कोई अस्तित्व ही नहीं रहा, उनको सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से पेंशन जाती रही और सरकारों को भनक तक नहीं लगी। जब आरटीआई कार्यकर्ता राकेश बैंस जैसे लोगों ने इस मामले की ओर सरकार का ध्यान खींचने का प्रयास किया, तो मनोहर सरकार ने ध्यान ही नहीं दिया। सीबाआई ने अभी तक जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक घोटाले की रकम 162 करोड़ रुपये का है, लेकिन कैग ने तब इस पेंशन घोटाले की रकम को कई सौ करोड़ होने की बात कही थी।
बिना पर्ची बिना खर्ची के मेरिट और योग्यता के आधार पर युवाओं को नौकरी देने का दावा करने वाली भाजपा सरकार प्रदेश में बढ़ते भ्रष्टाचार को रोक पाने में नाकाम दिख रही है। पिछले महीने ही सहकारिता विभाग में सौ करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। इस मामले में छह राजपत्रित अधिकारियों सहित 14 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। एंटी करप्शन ब्यूरो को एकीकृत सहकारी विकास परियोजनाओं में भ्रष्टाचार की शिकायत बहुत पहले से मिल रही थी। उसने जब मामले में छानबीन शुरू की, तो रेवाड़ी, अंबाला और करनाल रेंज की सहकारी समितियों में भारी घोटाला पाया गया। इस मामले में जब जांच आगे बढ़ी, तो लगभग सौ करोड़ रुपये के घोटाले का पता चला।
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जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती गई घोटाले की रकम बढ़ती गई। अभी तक इस मामले में जांच जारी है। एकीकृत सहकारी विकास परियोजनाओं में वरिष्ठ अधिकारियों, लेखा परीक्षकों, कर्मचारियों और बाहरी व्यक्तियों की मिलीभगत से सरकारी खाते में जमा रकम का उपयोग निजी फ्लैट, दुकान या जमीन खरीदने में किया गया। एकीकृत सहकारी विकास परियोजनाओं के माध्यम से ग्रामीण और कृषि क्षेत्र में विभिन्न प्रकार कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
कोई भी सरकार अगर यह दावा करती है कि उसके शासनकाल में घोटाला नहीं होता है, तो वह शायद आत्ममुग्ध है। आत्ममुग्धता सरकार के लिए नुकसानदायक होती है। मनोहर सरकार को इससे बचना चाहिए। प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह भ्रष्टाचार को रोकने का हर संभव प्रयास करे। वैसे पेंशन घोटाला मामला अब अदालत में है। इस मामले में अदालत का क्या फैसला होता है, यह तो समय बताएगा, लेकिन सरकार को सजग रहना चाहिए।
-संजय मग्गू
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