PCOS यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोमएक असामान्यता है जो हॉर्मोन, प्रजनन एवं मेटाबोलिज्म से जुडी है। यह बात पलवल में स्थित तुला हॉस्पिटल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ रूचि पांडे ने कही। उन्होंने कहा कि PCOS की शिकायत भारत में लगभग 16-20 प्रतिशत महिलाओं में पायी जाती है। दिन प्रतिदिन यह आकड़ा बढता जा रहा है। जिसका प्रमुख कारण है, युवाओं का जंकफूड की तरफ ज्यादा झुकाव, तनाव युक्त जीवन शैली, लम्बे समय तक बैठकर काम करना, दिनचर्या में व्यायाम को शामिल न करना। इस तरह की जीवन शैली के कारण महिलाओं को PCOS की समस्या सामने आ रही है। डॉ रूचि ने बताया कि अक्सर PCOS में पीरियड्स का देर से आना, प्रेगनेंसी होने में कठिनाई होना देखा गया है व चेहरे पर बालो की ग्रोथ, दाने की समस्या, शरीर का बढता वजन आदि इसके लक्षण है। यह चिंता की बात नहीं है, क्योंकि यह एक जानलेवा बीमारी नहीं है।
लेकिन सही समय पर महिला रोग विशेषज्ञ को संपर्क करना एवं उपयुक्त इलाज लेना बहुत जरुरी है। ताकि आगे चलकर PCOS अन्य समस्याएं खड़ीना कर दे। इसके कारण मधुमेह, हार्ट एवं लीवर सम्बंधित बीमारियां, कोलेस्ट्रोल लेवल का बढना, बच्चे दानी का कैंसर, निसंतान व भावनात्मक समस्यायें जैसे अनेक्सिटी, डिप्रेशन की समस्याएं आती है। डॉ रूचि पांडे ने PCOS से बचने के कुछ तरीके बताएं है, जिनसे PCOS को होने से रोका जा सकता है। डॉ रूचि पांडे ने बताया कि मीठे व तले हुए प्रदार्थों का सेवन नही करना चाहिए। प्रतिदिन आधे से एक घंटे की एक्सरसाइज व योग करना चाहिए।
अपने आहार में हरी सब्जियां, फल, फाइबर युक्त प्रदाथो को शामिल कर इसे होने से रोका जा सकता है। यदि आप फिर भी PCOS का शिकार बन चुके है तो ऐसे में केवल 5 से 10 किलो वजन कम करने से 65 -70 प्रतिशत चांस में यह ठीक हुआ है। यदि ऐसे भी आपको आराम नहीं आया है तो आपको महिला रोग विशेषज्ञ के सुझाव से हार्मोनल दवाइयां लेनी चाहिए। उन्होंने बताया किजल्द बाजी न करें, क्योंकि यह बीमारी पूरी तरह से ठीक होने में कम से कम छह से नौ माह का समय लेती है। उन्होंने कहा कि धेर्य बनाये रखे और डॉक्टर की सलाह से ही दवाईयां ले। जिससे आप इस बीमारी से पूरी तरह से स्वस्थ्य हो पाऐंगी।