Saturday, July 27, 2024
34.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeHARYANAFaridabadकहीं अधूरा ही न रह जाए बड़खल झील गुलजार करने का सपना

कहीं अधूरा ही न रह जाए बड़खल झील गुलजार करने का सपना

Google News
Google News

- Advertisement -

अरावली की पहाड़ियों पर स्थित बड़खल झील हरियाणा की शान थी। लेकिन अवैध खनन और अरावली पर्वत से हुई छेड़छाड़ के कारण दो दशक पूर्व झील पूरी सूख गई थी । करीब दस साल पहले झील को कांग्रेस सरकार ने ध्यान तो दिया। लेकिन यह योजना कागजों तक ही सीमित रही । वर्ष 2014 में विधायक सीमा त्रिखा के प्रयासों के बाद भाजपा सरकार ने झील को गुलजार करने की योजना बनाई। लेकिन लंबे समय बाद वर्ष 2019 में सरकार ने झील को पानी से भरने के लिए एसटीपी का निर्माण सेक्टर 21 ए में शुरू करवाया । एसटीपी का निर्माण अगस्त 2020 में पूरा होना था । लेकिन निर्माण कार्य अभी भी अधर में लटका हुआ है। इससे लोगों को संदेह है कि झील को गुलजार करने का सपना कहीं अधूरा ही न रह जाए । वहीं यदि एसटीपी खराब होने पर गंदा पानी झील में छोड़ा गया तो भूजल जहरीला हो सकता है। पहले भी एसटीपी खराब होने पर नहरों में गंदा पानी छोड़ने के मामले सामने आ चुके हैं।

बड़ी हस्तियों की पसंदीदा झील

बड़खल झील का बांध करीबदोदशक पहले तक बेहद खूबसूरत दिखाई देता था । जिसके कारण बड़े नेताओं और फिल्म अभिनेता आए दिन झीलकी तरफ खींचे चले आते थे। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और सदा बहार हीरो देवानंद के पसंदीदा पर्यटन स्थलों में झील शामिल था । जब बडखल झील गुलजार थी, उस समय यहां कई प्रसिद्ध फिल्मों की शूटिंग तक होती थी। लेकिन आरावली की पहाड़ियों में खनन और अवैध जल दोहन के कारण शहर का जलस्तर लगातार गिरता चला गया। जिसके कारण प्रदेश के प्रसिद्ध पयर्टन स्थलों में शामिल बड़खल झील समय के साथ सूखती चली गई । झील सूखने के बाद पयर्टन निगम और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी झील की तरफ ध्यान देना बंद कर दिया था । फिलहाल जीणोद्धार का काम धीमी गति से चल रहा है, जो पीएम मोदी के जन्मदिन तक पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा।

इससाल नहीं होगा गुलजार

भूजलस्तर गिरने से बड़खल झील बरसात का सारा पानी सोख लेती है। जिसके कारण झील में नियमित रूप से पानी भरने के लिए सेक्टर 21ए के पास करोड़ों रुपये की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है। इस एसटीपी से सीवर के पानी को साफ करके नियमित रूप से झील में डाला जाता रहेगा । पहले सीवर के पानी को बादशाहपुर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए यमुना नदी के डाला जाता है। वहीं पानी के उन स्त्रोतों को भी खोला जाएगा, जिनके जरिए पहले झील में पानी आता था। पानी को रोकने के लिए कुछ बांध और अन्य कई तरह के उपाय करने की योजना बनाई गई है। दरारोंको भरने के साथ साथ मोटी दीवार भी लगाई जा रही है। लेकिन संबंधित अधिकारियों की लापरवाही से बड़खल झील को गुलजार करने के ज्यादातर जरूरी का मआज भी अधूरे पड़े हैं।

कहीं जहरीला न हो जाए भूजल

यदि लापरवाही से साफ किए बिना पानीझील में डाल दिया गया तो जिले के भूजल की क्या स्थिति होगी , इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। बंधवाड़ी में कूड़े का पहाड़ इसका उदाहरण है। बंधवाड़ी में ईकाग्रीन ने बिजली बनाने के नाम पर कूड़े के पहाड़ खड़े कर दिए । जिससे आसपास के गांवों के भूजल जहरीला बन गया। बड़खल अरावली के पहाड़ों से घिरा हुआ है। भूजल जहरीला होने से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा । वहीं दूसरी तरफ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन निगम ने बड़खल झील में मयूर होटल के पास वोटिंग के लिए कृत्रिम झील बनाई थी। लाखों खर्च होने के बाद भी कृत्रिम झील कामयाब नहीं हुई । ऐसे में बडखल झील को गुलजार करते हुए शहर के भूजल को जहरीला बनाने की सम्भावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

Haryana Doctors Strike: चिकित्सकों की मांगें मानी गईं, हड़ताल समाप्त

हरियाणा के सरकारी चिकित्सकों ने राज्य सरकार से उनकी मागों को स्वीकार किए जाने का आश्वासन मिलने के बाद शनिवार को अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल(Haryana...

CRPF Foundation Day: प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने सीआरपीएफ जवानों को बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF Foundation Day:) के स्थापना दिवस पर जवानों और...

Recent Comments