नूंह/ मालब। सोमवार को नूंह के शहीद हसन खां मेवाती मेडिकल कॉलेज के छात्र छात्राओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया। इस दौरान उन्होंने बताया कि प्रदेश में एमबीबीएस विद्यार्थियों को इंटर्नशिप के दौरान मिलने वाले स्टाइपेंड को वर्ष 2018 में बढ़ाकर 17 हजार किया गया था। पिछले 6 वर्ष से इंटर्नशिप स्टाइपेंड में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है जबकि केंद्र सरकार के अधीन मेडिकल कॉलेजों में स्टाइपेंड बढ़ाकर 30,070 कर दिया गया है। ऐसे में उनकी मांग है कि हमारा स्टाइपेंड भी बढ़ाकर 30,070 किया जाए।
छात्रों की मांगे
वहीं वर्ष 2009 से डॉक्टर्स को मिलने वाला इंसेंटिव नहीं बढ़ाया गया है। ऐसे में उनकी मांग है कि डॉक्टर्स को मिलने वाले इंसेंटिव को बढ़ाया जाए। मेवात एलाउंस को कम कर दिया गया है तथा मेवात के मूल निवासी कर्मचारियों को मेवात एलाउंस नहीं दिया जाता। हमारी सरकार से ये मांग है कि मेवात अलाउंस को बहाल किया जाए। अस्पताल में मूलभूत सुविधाएं जैसे कि दवाईयां, लैब टैस्ट इत्यादि की कमी की वजह से जनता को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हमारी मांग है कि इसका जल्द से जल्द निवारण किया जाए। इन मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के लिए हम सभी ने यह फैसला लिया है कि हम सभी बिना मानदेय अपनी ड्यूटीज पूरी करेंगे और सरकार से अनुरोध करेंगे कि हमारे एक दिन के गानदेश से मूलभूत सुविधाएं जनता तक पहुंचाए।
यह भी पढ़ें : झूठी शिकायत करने वालों के विरुद्ध होगी करवाई
24 घंटे डयूटी करने को मजबूर डॉक्टर्स
रेजिडेंट डॉक्टर्स हमारे अस्पताल की रीड की हड्डी के सात बहुत अधिक परिश्रम करते हैं किंतु ड्यूटी के घंटे निर्धारित नहीं है जिस कारण उन्हें 24 घंटे की डयूटी करनी पड़ती है। हमारी सरकार से मांग है कि रेजिडेंट डॉक्टर्स के ड्यूटी के घंटे निर्धारित किए जाएं। जिस प्रकार हमारी फीस प्रति वर्ष 10 प्रतिशत की दर से बढ़ाई जा रही है उसी तर्ज पर इंटर्नशिप स्टाइपेंड को प्रति वर्ष 10 प्रतिशत की दर से बढ़ाया जाए। ऐसे में उन्होंने मांग की 24 घंटे में उनकी मांगों की सुनवाई नहीं हुई तो वह इस हड़ताल को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाने को बाध्य होंगे। इस मौके पर छात्रों में निखिल शहरावत, तमम्ता, साहिल ढांडा, विनय चौधरी, हर्ष लठवाल, अमनदीप बंसल,धर्मेंद्र, छतर सिंह, केशव कौशिक,गौरब धीमान,यश चुप, मंयक विरमानी व अमन कादयान मौजूद रहे।
लेटेस्ट खबरों के लिए जुड़े रहें : https://deshrojana.com/