भारत के पारंपरिक जल निकाय’ है प्रतियोगिता की थीम
पलवल, 28 जनवरी। उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठï ने बताया कि भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की ओर से नवोदित कलाकारों को पानी के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य देश के अलग-अलग क्षेत्रों में जल संरक्षण के उपायों और पारंपरिक जल निकायों को प्रदर्शित करना है।
उपायुक्त ने बताया कि इस प्रतियोगिता की थीम ‘भारत के पारंपरिक जल निकाय’ है। उन्होंने बताया कि प्रतिभागियों को अपनी पेंटिंग में किसी पारंपरिक जल निकाय को चित्रित करना है। उन्होंने बताया कि पेंटिंग में पुराने समय में बनाई गई सामुदायिक जल संचयन संरचनाओं को दिखाना है। पेंटिंग से भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का पता चलना चाहिए। उन्होंने बताया कि सभी पेंटिंग वाटर कलर या पैन या स्याही या दोनों में होनी चाहिए।
प्रत्येक प्रतिभागी लैंडस्केप, पोट्र्रेट व वर्ग आकार में अधिकतम एक पेंटिंग जमा कर सकता है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत की गई पेंटिंग संबंधित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के उनके क्षेत्रों से संबंधित होनी चाहिए।
पेंटिंग मूल्यांकन के मानदंड :
प्रत्येक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से दो पेंटिंग (प्रथम पुरस्कार 25,000/- रुपए व दूसरा पुरस्कार 20,000/- रुपए) को पुरस्कृत किया जाएगा। प्रत्येक प्रविष्टि की विषयवस्तु से प्रासंगिकता होनी चाहिए। प्रत्येक प्रविष्टि में प्रतिभागी का नाम, आयु, मोबाइल/ईमेल और राज्य अंकित होना चाहिए।
जल शक्ति मंत्रालय की ओर से किया जा रहा राष्ट्रीय पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन : उपायुक्त
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