देश रोज़ाना: हरियाणा के नुहुँ जिले में फ़र्ज़ी प्रमाण पत्रों के आधार पर जो उमीदवार सरपंच पद के चुनाव लड़कर जीते है। अब उनके खिलाफ सरकार ने मुहीम शुरू कर दी है। जिले में अब तब उपायुक्त द्वारा पांच सरपंचों को बर्खारूत कर पदमुक्त कर दिया गया है। जबकि करीब 15 सरपंच जांच के घेरे में हैं औैर उन पर लगे आरोपों की उपमंडल अधिकारियों द्वारा जांच लगभग पूरी कराई जा चुकी है। उपायुक्त के पास जांच रिर्पोट पहुंचने के साथ ही इन पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर सरपंच बनने वाले लोगों में हडक़ंप मचा हुआ है।
बता दें कि नूंह जिले के पुन्हाना उपमंडल से लहरवाड़ी व जालिका, तावडूं उपमंडल से डालाबास व चीला सहित इंडरी खंड से खोड गांव की महिला सरपंचों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र जांच में फर्जी पाए गए थे। जिसको लेकर उपायुक्त प्रशांत पंवार द्वारा इन्हें बर्खास्त कर पदमुक्त कराने के साथ ही इनके साथ ही इन्हें प्रमाण पत्र जारी करने वाले स्कूलों के विरूद्ध भी मामला दर्ज कराया गया है। जबकि लहरवाड़़ी गांव की महिला सरंपच के पदमुक्त होने के बाद प्रशासन द्वारा लहरवाड़ी गांव में उपचुनाव कराते हुए दूसरी सरपंच भी बना दी गई है।
जिले के सिरौली, बढ़ाह, आंधाकी, खेडा, गोहेता डूडौली, करहेड़ा व सालाका सहित 15 गांवों के सरपंचों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है। इनमें से अधिकतर गांवों के सरपंचों की जांच संबधित उपमंडल अधिकारियों द्वारा करा ली गई है और इन सरपंचों को अपना पक्ष रखने के लिए आखिरी समय दिया गया है। जबकि सिरौली व डूडौली गांव का मामला हाई कोर्ट में भी चल रहा है।
कार्रवाई के डर से फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों पर चुनाव लडक़र जीतने वाले सरपंच अब राजनीतिक से लेकर प्रशासनिक सिफारिश कराने में जुटे हैं। लगातार कार्रवाई होता देख ऐसे सपंचों को अब अपनाा नंबर आने का डर बना हुआ है।