फरीदाबाद। बदलती लाइफस्टाइल के कारण फरीदाबाद समेत दिल्ली एनसीआर में लोगों में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। आलम यह है कि मोटापे को कम करने के लिए की जाने वाली बैरियाट्रिक सर्जरी कराने वालों की संख्या दो गुना बढ़ गई है। ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर 86 स्थित एकॉर्ड अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में रोजाना ऐसे लोग आ रहे हैं जिनका वजन अधिक हो गया है और काफी प्रयास के बाद भी कम नहीं हो रहा। विश्व ओबेसिटी दिवस पर यह कहना है एकॉर्ड अस्पताल वरिष्ठ सर्जन डॉ. प्रबल रॉय का। उन्होंने कहा कि फिजिकल एक्टिविटी कम होने से लोग मोटापे का शिकार हो रहे है। इनमें युवाओं की संख्या अधिक है।
व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 32.5 से अधिक हो जाता है
डॉ.प्रबल रॉय ने बताया कि जब व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 32.5 से अधिक हो जाता है तो वह मोटापे की श्रेणी में आ जाता है और उसे सर्जरी करवाने की सलाह दी जाती है। इस सर्जरी को अधिकतर वह लोग करा रहे हैं जो काफी प्रयास के बाद भी अपना वजन कम नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में 30 फीसदी मरीज मोटापे की समस्या से पीड़ित हैं। वहीं, करीब 50 फीसदी मरीजों को मधुमेह के साथ मोटापे की परेशानी है। वजन बढ़ने से लोगों को कई अन्य बीमारियां भी हो रही हैं। मोटापे के मामले में वृद्धि मुख्य रूप से इसलिए हुई है, क्योंकि लोगों की जीवनशैली और खानपान का तरीके बदला है। इससे उनके शरीर में मेटाबालिज्म और इंसुलिन में गड़बड़ी पैदा हो रही है। लोगों को अधिकतक समय फोन या लैपटॉप पर गुजरता है। शारीरिक गतिविधियों में कमी आना भी मोटापा बढ़ने का कारण है। उन्होंने कहा कि हर महीने 7 से 10 ऑपरेशन हो रहे है। इससे पहले चार से पांच ऑपरेशन होते थे।
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मोबाइल का अधिक इस्तेमाल भी एक वजह
मोटापा बढ़ने का एक कारण मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल भी हो सकता है। कैलिफोर्निया की सिमोन बोलिवर यूनिवर्सिटी के हालिया शोध के मुताबिक, दिनभर में मोबाइल का 5 घंटे इस्तेमाल करने पर मोटापा बढ़ने का खतरा 43% तक बढ़ जाता है। शोध में इसका कारण मोबाइल में व्यस्त रहने के कारण फिजिकल एक्टिविटी न करना और ज्यादा खाना शामिल है।
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