मणिपुर हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। संसद में तो इसे लेकर गतिरोध जारी है लेकिन मणिपुर में अभी हालात सुधरे नहीं है। वहां लगातार गोलीबारी हो रही है विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं और इसी बवाल के बीच सीबीआई ने मामले की जांच भी तेज कर दी है मणिपुर वायरल वीडियो में आरोपियों की गिरफ्तारी का सिलसिला भी जारी है अब तक इस मामले में 6 फायर दर्ज की गई थी सीबीआई ने 10 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है, और उधर केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में महिलाओं की वायरल वीडियो की जांच का जिम्मा सीबीआई को दे दिया गया है। मणिपुर हिंसा पर केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया है जिसमें इस मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर ट्रांसफर करने की भी अपील की गई है
गौरतलब है कि 19 जुलाई को मणिपुर से 4 मई को हुए दो महिलाओं के साथ नहीं बस्त्र घुमाने का मामला संज्ञान में आया था सुप्रीम कोर्ट ने भी 20 जुलाई को इस पूरी घटना का संज्ञान लिया और कहा था कि वीडियो बहुत व्यथित है और हिंसा को अंजाम देने के हथियार के तौर में महिलाओं का इस्तेमाल किसी भी संवैधानिक लोकतंत्र में पूरी तरह से अस्वीकार्य है सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद सभी सकते में आ गए थे।
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक कदम उठाने और उन कदमों की जानकारी और उसे देने का निर्देश दिया गया था केंद्र सरकार की तरफ से यह कहा गया था कि मणिपुर सरकार ने 26 जुलाई 2023 को एक खत लिखा था जिसने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की गई थी और गृह मंत्रालय की तरफ से 27 जुलाई को इसे मंजूरी भी दे दी गई।