महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों हलचल जारी है। इसी बीच गुरुवार 6 जुलाई को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनके गुट के विधायकों पर लग रहे आरोपों को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अपने इस्तीफे की खबरों को अफवाह बताया है। दरअसल पिछले काफी समय से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट के विधायकों पर आरोप लगाए जा रहे थे कि उनकी पार्टी के कुछ विधायक अजीत पवार की पार्टी में एंट्री से नाखुश हैं और इसके साथ ही शिंदे जल्द ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले हैं। सीएम शिंदे ने गुरुवार को इस मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए अपना बयान जारी किया और इन सभी दावों को खारिज कर दिया है।
सीएम ने कहा कि , ‘अजीत पवार के मंत्रिमंडल में शामिल होने से हमारी सरकार अब पहले से ज्यादा मजबूत हो गई है। पीएम मोदी और अमित शाह दोनों की ताकत मेरे पीछे है। उन्होंने कहा कि अजीत पवार के महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद शिवसेना के विधायकों में किसी भी प्रकार की नाराज़गी नहीं है। ‘इसके अलावा एकनाथ शिंदे ने अपनी सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारे पास करीब 200 से ज्यादा विधायक हैं और इतनी मजबूत सरकार है। विधायकों को पिछले एक साल में काफी हद तक पैसा मिला है। जो काम काफी समय से रुके हुए थे वो भी अब शुरू हो गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने तंज कस्ते हुए कहा कि घर में बैठने वाली सरकार या घर में बैठने वाले सीएम के पास भी भला कोई जाता है क्या?
इस्तीफे की अफवाहों को लेकर क्या बोले सीएम?
पिछले काफी समय से सीएम के इस्तीफा देने की खबरे सामने आ रही हैं। जिन्हे सीएम शिंदे ने गुरुवार को खारिज करते हुए कहा कि ‘ यह सब केवल अफवाहे हैं, किस हद तक जाएंगे वे लोग, उन्हें पहले अपनी पार्टी की हालत देखनी चाहिए और आत्मचिंतन करना चाहिए। दूसरों के घरों में झाँकने से पहले अपने घर को देखो। जब सरकार द्वारा शपथ ग्रहण नहीं हुई थी तभी से चल रहा है कि मुख्यमंत्री जाएगा, सरकार जाएगी। इस समय हमारे पास कुल 200 विधायक हैं। इसके अलावा हमें कोई भी समस्या होती है तो केंद्र से सहयोग मिलता है इसलिए इन लोगों के पेट में दर्द हो रहा है। ‘
विधायकों की नाराज़गी के सवाल पर क्या बोले शिंदे?
अपने गुट के विधायकों की नाराज़गी के सवाल पर सीएम शिंदे ने कहा कि सभी को सारी बात समझा दी गई है। हम लोग तो पहले ही सत्ता छोड़कर चले गए थे। हम सत्ता से एक विधारधारा और भूमिका को लेकर निकले थे। सत्ता के लालच में हमने निर्णय नहीं लिया था। हमारे विधायकों ने इस बात की भी परवाह नहीं की थी कि आगे क्या होगा।