Tuesday, July 9, 2024
28.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeLATESTAfrican swine fever: संभल जाएं, ‘अफ्रीकी स्वाइन फीवर’ तबाही मचाने की कर...

African swine fever: संभल जाएं, ‘अफ्रीकी स्वाइन फीवर’ तबाही मचाने की कर रहा तैयारी

Google News
Google News

- Advertisement -

अफ्रीकी स्वाइन फीवर (African swine fever) ने भारत में एंट्री कर ली है। केरल के त्रिशूर जिले के एक गांव में ‘अफ्रीकी स्वाइन फीवर’ का मामला सामने आया है। स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। ‘अफ्रीकी स्वाइन फीवर’ एक जानलेवा और संक्रामक रोग है। यह पालतू और जंगली सूअरों को अपनी चपेट में ले लेता है।

यह संक्रमित (African swine fever) सूअर के शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ के प्रत्यक्ष संपर्क में आने पर एक सूअर से दूसरे सूअर में आसानी से फैल सकता है। अधिकारी ने बताया कि त्रिशूर के जिलाधिकारी ने त्रिशूर जिले के मदक्कथारा पंचायत में एक निजी फार्म के 310 सूअरों को मारने का आदेश दिया है।

African swine fever: सूअरों को मारने आदेश

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘वेलियंथारा के 14वें वार्ड में कुट्टालपुझा बाबू के स्वामित्व वाले सूअरों में इस बीमारी (African swine fever) की पुष्टि हुई है। जिलाधिकारी ने जिला पशुपालन अधिकारी को सूअरों को मारकर दफनाने का निर्देश दिया है। इसमें बताया गया कि चिकित्सकों, पशुधन निरीक्षकों और परिचारकों का एक दल सूअरों को मारने की प्रक्रिया में शामिल होगा। इसके बाद प्राथमिक संक्रमण रोधी उपाय भी किए जाएंगे।

अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस एक बच्चे की हुई थी मौत

image

इससे पहले केरल में मस्तिष्क के दुर्लभ संक्रमण ‘अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस‘ से ग्रस्त 14 वर्षीय बालक की यहां एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। यह संक्रमण दूषित जल में पाए जाने वाले जीवित अमीबा के कारण होता है। केरल के स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को बताया कि मृदुल नामक बालक की मृत्यु बुधवार रात करीब 11:20 बजे हुई थी। दक्षिणी राज्य में मई से लेकर अब तक इस घातक संक्रमण (Rare Brain-Eating Amoeba) का यह तीसरा मामला है। पहली घटना 21 मई को मल्लपुरम में पांच वर्षीय बच्ची की मौत की थी। दूसरी घटना में 25 जून को कन्नूर में 13 वर्षीय बालिका की मृत्यु हो गई थी।

स्वास्थ्य विभाग ने क्या कहा था

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक बच्चा तलाब में नहाने गया था। चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया कि मुक्त रहने वाले गैर परजीवी अमीबा (Rare Brain-Eating Amoeba) के बैक्टीरिया जब दूषित पानी से नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं तो यह संक्रमण होता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने लोगों को ‘अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस’ को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है। इससे पहले यह बीमारी 2023 और 2017 में राज्य के तटीय अलप्पुझा जिले में देखी गई थी।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

पलवल में ग्रीवेंस कमेटी की बैठक: मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने DTP को किया निलंबित

पलवल: हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री डॉ. बनवारी लाल (Minister Dr. Banwari Lal) ने पलवल में ग्रीवेंस कमेटी (Grievance Committee) की मासिक बैठक की...

Metro in Manesar: भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, कांग्रेस गुरुग्राम से मानेसर तक मेट्रो लाइन का विस्तार करेगी

हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने ही दिल्ली मेट्रो सेवा को हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, बल्लभगढ़ और बहादुरगढ़ तक लाने का "ऐतिहासिक" काम किया।

ईरान की महिलाओं और युवाओं ने रच दिया नया इतिहास

ईरान बदल रहा है। इस बात का सुबूत है सुधारवादी नेता मसूद पजशकियान का प्रचंड मतों से ईरान के राष्ट्रपति पद के चुनाव में...

Recent Comments