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Air Force: एयर मार्शल तेजिंदर सिंह बने भारतीय वायुसेना के नए उप प्रमुख

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एयर मार्शल तेजिंदर सिंह ने रविवार को भारतीय वायुसेना(Air Force: ) के उप प्रमुख (डीसीएएस) का पदभार संभाला। रक्षा मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी। वायु सेना मुख्यालय (वायु भवन) में पदभार ग्रहण करने के बाद, एयर मार्शल तेजिंदर सिंह ने राष्ट्रीय समर स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।

Air Force: श्रेणी ‘ए’ के योग्य फ्लाइंग प्रशिक्षक हैं तेजिंदर सिंह

एयर मार्शल तेजिंदर सिंह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र रहे हैं और 13 जून 1987 को भारतीय वायुसेना की लड़ाकू शाखा में नियुक्त हुए थे। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वे 4,500 घंटे से अधिक के उड़ान अनुभव के साथ श्रेणी ‘ए’ के योग्य फ्लाइंग प्रशिक्षक हैं और रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज एवं राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय (एनडीसी) के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने एक लड़ाकू स्क्वाड्रन, एक रडार स्टेशन, और एक प्रमुख फाइटर बेस की कमान संभाली है और जम्मू-कश्मीर के एयर ऑफिसर कमांडिंग भी रहे हैं।

2007 में वायु सेना पदक से सम्मानित

बयान में कहा गया है कि उनकी विभिन्न स्टाफ नियुक्तियों में कमांड मुख्यालय में ऑपरेशनल स्टाफ, वायु सेना मुख्यालय में एयर कमोडोर (कार्मिक अधिकारी -1), एकीकृत रक्षा स्टाफ के उप सहायक प्रमुख, मुख्यालय आईडीएस में वित्तीय (योजना), एयर कमोडोर (एयरोस्पेस सुरक्षा), वायु सेना मुख्यालय में एयर स्टाफ ऑपरेशन्स (अफेन्सिव) एवं एसीएएस ऑपरेशन्स (स्ट्रेटेजी) शामिल हैं। अपनी वर्तमान नियुक्ति से पहले, वे मेघालय के शिलांग स्थित भारतीय वायुसेना के पूर्वी वायु कमान मुख्यालय में सीनियर एयर स्टाफ ऑफिसर थे। उनकी सराहनीय सेवाओं को मान्यता प्रदान करते हुए, उन्हें राष्ट्रपति द्वारा 2007 में वायु सेना पदक और 2022 में अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।

आशुतोष दीक्षित को भी मिली नई जिम्मेदारी

रक्षा मंत्रालय ने एक अलग बयान में कहा कि एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने मध्य वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ का पदभार ग्रहण किया। एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित को छह दिसंबर 1986 को भारतीय वायुसेना की लड़ाकू शाखा में नियुक्त किया गया था। वायुसेना अधिकारी एक प्रायोगिक परीक्षण पायलट और एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक हैं, जिनके पास भारतीय वायुसेना के विभिन्न प्रकार के विमानों पर 3300 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव है। बयान में कहा गया कि वह प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (बांग्लादेश) और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ और ‘ऑपरेशन रक्षक’ जैसे कई अभियानों एवं अभ्यासों में सक्रिय रूप से भाग लिया है। कुल 37 वर्षों से अधिक के अपने शानदार करियर के दौरान, वायुसेना अधिकारी ने कई महत्वपूर्ण फील्ड और स्टाफ नियुक्तियों में योगदान दिया है। एक कमांडिंग ऑफिसर के रूप में, उन्होंने भारतीय वायुसेना के एक स्क्वाड्रन को अत्याधुनिक मिराज विमान से सुसज्जित किया और बाद में पश्चिमी सेक्टर में एक अग्रिम पंक्ति के ‘फाइटर एयर बेस’ और दक्षिणी सेक्टर में एक अग्रगण्य ‘फाइटर ट्रेनिंग बेस’ की कमान संभाली। उनकी सराहनीय सेवाओं को मान्यता प्रदान करते हुए, उन्हें राष्ट्रपति द्वारा अति विशिष्ट सेवा पदक, वायु सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।

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