भारत में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले आए दिन बढ़ते हुए नज़र आ रहे है।महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने वालों के लिए सख़्त से सख़्त कानून बनाए गए है पर अभी भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है क्या लोगों के अंदर डर खत्म हो गया है या लोगों ने इंसानियत का मान न रख कर हैवानियत का रास्ता चुन लिया है। ऐसा ही एक मामला कुछ दिन पहले सामने आया था जिसमें देर रात करीब चार लोगों ने एक महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप कर उसके शव को जला कर हाइवे पर फेंक दिया था। जिसके बाद पुलिस प्रशासन आरोपियों को ढूंढने में जुट गई थी।
पुलिस द्वारा घटना का रिकंस्ट्रक्शन
आरोपियों को गिरफ्त में लेने के बाद पुलिस प्रशासन आरोपियों के साथ घटना स्थल पर पूरे मामले को समझने के लिए गई कि ‘ वारदात की साजिश पहले से ही की गई थी ‘ या ‘ आरोपियों ने मौका परस्त हो कर घटना को अंजाम दिया ‘।काफी समय की कश्मोकष के बाद पुलिस प्रशासन को सारे मामले की गुत्थी समझ में आई।
आरोपियों द्वारा भागने की कोशिश
पुलिस कर्मी आरोपियों को घटना स्थल पर लेकर गए ताकि वह उनसे यह जान सके की वारदात को अंजाम कैसे दिया गया। इस दौरान आरोपियों ने हाईवे से भागने कि कोशिश करी जिसके बाद भाग रहे चारों आरोपियों का पुलिस ने घटना स्थल पर ही एनकाउंटर कर दिया। पुलिस ने यह सब इसलिए किया ताकि केस को और ज़्यादा मजबूत बनाया जा सके और वह अदालत के आगे केस से जुड़े सभी पहलुओं को रख सके।