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विधानसभा चुनाव के लिए हरियाणा में सजने लगी शतरंजी बिसात

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हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारियों में अपने-अपने स्तर पर सभी दल जुट गए हैं। इतनी भीषण गर्मी में भी राजनीतिक दलों ने जनसंपर्क अभियान जारी रखा है। लोकसभा चुनाव को राजनीतिक दलों ने पहले ही विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल घोषित कर रखा था। अब सभी दल फाइनल की तैयारी में जुट गए हैं। प्रदेश की सैनी सरकार ने अभी से मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए शतरंज की चाल चलनी शुरू कर दी है। शनिवार को प्रदेश के 9.5 लाख परिवारों को दो किलोवाट तक ते घरेलू कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को 115 रुपये प्रति किलोवाट लगने वाले नियत मासिक शुल्क नहीं देना होगा। बजट सत्र के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह छूट देने की घोषणा की थी, लेकिन सैनी सरकार ने अब इसे लागू किया है। यह भी एक तरह से विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को दी गई रेवड़ी ही है क्योंकि यह छूट देने प्रदेश सरकार पर 180 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।

जब से चुनाव आयोग ने आचार संहिता को खत्म करने की घोषणा की है, तब से प्रदेश सरकार रोज न रोज कुछ ऐसी घोषणाएं कर रही है जिससे जनता को लाभ मिले। बड़ी धूमधाम के साथ सीएम सैनी ने हैप्पी का वितरण किया जिससे काफी लोगों को लाभ हुआ। अवैध कालोनियों को नियमित करने, गरीबों को मुफ्त प्लाट देने या मकान बनाने के लिए एक लाख रुपये देने की घोषणा, शहरी इलाकों में कृषि भूमि की बिना एनडीसी के खरीदने-बेचने की सुविधा, शहरी और ग्रामीण इलाकों में विवाह के रजिस्ट्रेशन की सुविधा और स्थानीय निकायों को अधिक अधिकार जैसे निर्णय एक तरह से चुनावी तैयारी ही है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इतनी भीषण गर्मी में भी जनसंपर्क अभियान जारी रखे हुए हैं। वहीं विपक्षी दल खासतौर पर कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सहयोगी पूरे प्रदेश में जगह-जगह घोषणाएं करने लगे हैं कि तीन सौ यूनिट तक बिजली मुफ्त, सस्ती रसोई गैस, बेरोजगार युवाओं को नौकरी, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का वायदा, पुरानी पेंशन बहाली, बुढ़ापा पेंशन की राशि दोगुना करने जैसे कई वायदे किए जा रहे हैं।

आरक्षण बहाली और संविधान बचाने जैसे मुद्दे तो विधानसभा चुनावों में विपक्ष के लिए कारगर होने वाले नहीं हैं। इसका कारण यह है कि केंद्र में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। बहरहाल, अगर विधानसभा चुनाव जीतना है, तो कांग्रेस को अभी काफी मेहनत करनी होगी। सबसे पहले तो उसे अपने यहां कई सालों से पसरी गुटबाजी को खत्म करना होगा। सैनी सरकार और भाजपा संगठन को पराजित करने के लिए ठोस योजनाएं लेकर जमीनी स्तर पर संघर्ष करना होगा, तभी विजय संभव हो सकती है।

-संजय मग्गू

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