आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay singh) को लेकर तमाम तरह की ख़बरें सामने आ रही है कि एक पुराने मामले में उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया है लेकिन संजय सिंह ने इस तरह की बातों से साफ़ इंकार किया है और ट्ववीट कर इसकी जानकारी दी है।
चुनाव आचार संहिता से जुड़े एक केस में संजय सिंह (Sanjay singh) के खिलाफ अदालत ने जमानती वारंट जारी किया है। यह वारंट एमपीएमएलए कोर्ट ने जारी किया है। कोर्ट की ओर से जारी इस जमानती वारंट में संजय सिंह को 29 जून को कोर्ट मे सामने हाजिर होने को कहा गया है। जानकारी के अनुसार आरोप है कि सांसद ने बिना अनुमति चुनावी जनसभा की थी जिसकी वजह से विशेष लोक अभियोजक वैभव पांडेय ने 13 अप्रैल 2021 को थानाध्यक्ष प्रवीन कुमार सिंह ने FIR लिखाई थी। जिसके अनुसार संजय सिंह के खिलाफ कार्यवाही की गई है।
क्या है पूरा मामला
यह मामला बंधुआकलां थाने से जुड़ा है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान विशेष पब्लिक प्रॉसीक्यूटर वैभव पांडेय ने बताया कि ये बात साल 2021 की है जब संजय सिंह सुल्तानपुर जिले के हसनपुर गांव में आम आदमी पार्टी की जिला पंचायत सदस्य पद की प्रत्याशी सलमा बेगम के पक्ष में प्रचार कर रहे थे। उस दौरान संजय सिंह ने जिला पंचायत चुनाव में बिना इजाजत के पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करते हुए जनसभा सभा की थी। इसी वजह से विशेष लोक अभियोजक वैभव पांडेय के मुताबिक 13 अप्रैल 2021 को थानाध्यक्ष प्रवीन कुमार सिंह ने सांसद के खिलाफ FIR लिखवाई थी। जिसके बाद संजय सिंह को कई बार नोटिस जारी किया लेकिन फिर भी वो अदालत में पेश नहीं हुए थे।
इस पुरे मामले में पुलिस ने संजय सिंह, मकसूद अंसारी, सलीम अंसारी जगदीश यादव, मकसूद, सुकई, धर्मराज, जीशान, सहबान, सिकंदर, जलील व अजय को आरोपी बनाकर आरोप पत्र न्यायालय भेजा। अन्य आरोपितों ने जमानत करवा ली है लेकिन सांसद संजय सिंह न्यायलय में उपस्थित नहीं हुए जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें पेश करने का आदेश दिया है।