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Delhi pollution:पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर जताई चिंता

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दिल्ली (Delhi pollution:) की वायु गुणवत्ता के ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के एक दिन बाद, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि स्थिति और बिगड़ती है तो सख्त प्रदूषण नियंत्रण उपाय लागू किए जाएंगे। राय ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिगड़ते हालात के लिए हवा की गति कम होने और तापमान में गिरावट को जिम्मेदार ठहराया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सुबह नौ बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 428 था, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।

बुधवार(Delhi pollution:) को दिल्ली में देश में सर्वाधिक खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई, जो इस मौसम में पहली बार ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई। राय ने कहा कि पिछले दो दिनों में मौसम के मिजाज में बदलाव आया है। शुक्रवार और शनिवार के बीच हवा की गति बढ़ने की उम्मीद है, जो छह से 12 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है और इससे प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) का तीसरा चरण अभी लागू नहीं किया जाएगा क्योंकि शुक्रवार से स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।

राय (Delhi pollution:)ने कहा कि दिल्ली सरकार शहर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता से निपटने के लिए जीआरएपी के दूसरे चरण के तहत प्रदूषण नियंत्रण उपायों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करेगी। एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401-500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। राय ने कहा, ‘‘हम प्रदूषण कम करने के लिए जारी सभी अभियानों और उपायों को मजबूत करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि सरकार सभी मौजूदा कार्य योजनाओं और अभियानों की समीक्षा करेगी तथा प्रदूषण के स्तर को आपात सीमा तक पहुंचने से रोकने के लिए प्रयासों को बढ़ाएगी। मंत्री ने कहा कि यदि तापमान कम होता है और वायु गुणवत्ता और खराब होती है तो सरकार दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।

पर्यावरण एवं विज्ञान केंद्र के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 12 अक्टूबर से तीन नवंबर तक दिल्ली का प्रदूषण स्तर स्थानीय स्रोतों और क्षेत्रीय कारणों दोनों से प्रभावित था। आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के लिए 30.34 प्रतिशत दिल्ली के स्थानीय स्रोत जिम्मेदार हैं जबकि 34.97 प्रतिशत प्रदूषण के लिए आसपास के एनसीआर और एनसीआर से बाहर के क्षेत्रों को जिम्मेदार ठहराया गया।

राय ने ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता के कारण स्कूलों को बंद किए जाने की संभावना पर कहा, ‘‘यदि स्थिति बिगड़ती है, तो पिछले साल की तरह सख्त उपाय लागू किए जाएंगे, क्योंकि बच्चों और निवासियों की सुरक्षा सर्वोपरि है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए, दिल्लीवासी जिस हवा में सांस लेते हैं वह बहुत महत्वपूर्ण है।’’

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