भारत में 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान 2019 की तुलना में अधिक(India Coronavirus Death: ) मौत हुई। एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के अनुसार महामारी के दौरान 2020 में 11.9 लाख अतिरिक्त मौत हुईं और यह आंकड़ा 2019 की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है।
India Coronavirus Death: आधिकारिक आंकड़ों से आठ गुना अधिक मौत
ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं समेत अन्य ने कहा कि यह अनुमान भारत में कोविड-19 से हुई मौतों के आधिकारिक आंकड़ों से लगभग आठ गुना अधिक है तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान से 1.5 गुना अधिक है।
NFHS-5 से लिया गया है आंकड़ा
अध्ययन लेखकों के अनुसार 7.65 लाख से अधिक व्यक्तियों के आंकड़ों का इस्तेमाल करते हुए, अध्ययन में भारत में 2019 और 2020 के बीच लैंगिक और सामाजिक समूह के आधार पर जन्म के समय जीवन प्रत्याशा में बदलाव का अनुमान लगाया। अध्ययन के अनुसार भारत एक ऐसा देश जहां वैश्विक महामारी से होने वाली एक तिहाई अतिरिक्त मौतें हुई हैं। यह आंकड़ा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) से लिया गया है।
India Coronavirus Death:महिलाओं की जीवन प्रत्याशा में कमी आई
लेखकों ने कहा कि महिलाओं की जीवन प्रत्याशा में 3.1 वर्ष की कमी आई है, जबकि पुरुषों में यह 2.1 वर्ष कम हुई है। ‘साइंस एडवांसेज’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में लेखकों ने कहा कि ये तरीके उच्च आय वाले देशों में देखे गए तरीकों के विपरीत हैं, जहां महामारी के दौरान महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक मौतें हुईं। शोधकर्ताओं ने पाया कि उच्च जाति के हिंदू समूहों में जीवन प्रत्याशा में 1.3 वर्ष की गिरावट देखी गई, जबकि मुसलमानों और अनुसूचित जनजातियों में जीवन प्रत्याशा में 5.4 वर्ष और 4.1 वर्ष की गिरावट देखी गई। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में शोधार्थी एवं लेखक आशीष गुप्ता ने कहा कि हाशिए पर पड़े समूहों की जीवन प्रत्याशा पहले से ही कम थी और महामारी ने सबसे विशेषाधिकार प्राप्त भारतीय सामाजिक समूहों और भारत में सबसे हाशिए पर पड़े सामाजिक समूहों के बीच की खाई को और बढ़ा दिया है।
सरकार ने डेटा को भ्रामक बताया
अध्ययन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसे भ्रामक बताया है। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि ‘जर्नल साइंस एडवांसेज’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन से वर्ष 2020 में अत्यधिक मृत्यु दर को दर्शाने वाला अध्ययन अपुष्ट और अस्वीकार्य अनुमानों पर आधारित हैं। बयान में कहा गया है कि एनएफएचएस का नमूना देश का प्रतिनिधि तभी होता है जब इसे समग्र रूप से माना जाता है। चौदह राज्यों के हिस्से से इस विश्लेषण में शामिल 23 प्रतिशत परिवारों को देश का प्रतिनिधि नहीं माना जा सकता है। वर्ष 2020 में मृत्यु पंजीकरण में पर्याप्त वृद्धि (99 प्रतिशत से अधिक) दर्ज की गई, जो 2019 में 92 प्रतिशत थी और इसका एकमात्र कारण महामारी नहीं है।
जनवरी 2020 में मिला था पहला केस
भारत में पहला केस 27 जनवरी 2020 को मिला था। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो अब तक देश में कोरोना से 5 लाख 33 हजार 596 लोगों की ही मौत हुई है।