हालांकि अभी भाजपा ने हरियाणा में राज्यसभा के लिए किसी का नाम घोषित नहीं किया है, लेकिन कुछ दिन पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आई किरण चौधरी राज्यसभा का टिकट पाने के लिए चंडीगढ़ और दिल्ली की दौड़ लगाने लगी हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजन लाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई बहुत पहले से ही दिल्ली दरबार के चक्कर लगाते आ रहे हैं। हरियाणा के राजनीतिक हलकों में माना यह जा रहा है कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने से पहले किरण चौधरी ने राज्यसभा की सीट के लिए बातचीत फाइनल कर ली थी। कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान किरण चौधरी की बेटी पूर्व सांसद ऋतु चौधरी को लोकसभा का टिकट नहीं दिया गया तो उन्होंने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसी दौरान उनकी बातचीत भाजपा के प्रदेश और केंद्रीय नेताओं से भी चलने लगी।
नेताओं के आश्वासन मिलने के बाद किरण चौधरी और उनकी बेटी ऋतु चौधरी कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में चली आई। राज्यसभा के लिए किरण चौधरी इसी वजह से निश्चित नजर आ रही है। अब किरण चौधरी के राज्यसभा सीट के लिए सक्रिय हो जाने से कुलदीप बिश्नोई की परेशानी बढ़ रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्यसभा में किरण चौधरी के जाने की संभावना अधिक है क्योंकि हरियाणा से संसद के दोनों सदनों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व शून्य है। ऐसी स्थिति में किरण चौधरी को राज्यसभा का टिकट देकर विधानसभा चुनाव के दौरान महिलाओं का वोट पानी की कोशिश कर सकती है। इन समीकरणों को भांपकर कुलदीप बिश्नोई ने रविवार को कम नायब सिंह सैनी से मुलाकात की और राज्यसभा टिकट को लेकर चर्चा भी की।
इसके बाद भाजपा हाई कमान से बातचीत करने के लिए दिल्ली रवाना हो गए। दिल्ली में हाई कमान से कुलदीप बिश्नोई की क्या बातचीत हुई है, इसका अभी तो खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन माना यह जा रहा है कि कुलदीप बिश्नोई ने आला कमान से अपने लिए जोरदार शब्दों में टिकट मांगा है। हालांकि यह सच है की लोकसभा चुनाव के दौरान कुलदीप बिश्नोई के प्रभाव क्षेत्र में भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। इस वजह से उनकी दावेदारी कमजोर हुई है। वैसे लोकसभा चुनाव के दौरान कुलदीप बिश्नोई ने आदमपुर, नलवा और फतेहाबाद में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में जोरदार प्रचार किया था, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई।
इसके बावजूद बिश्नोई यह बताने से नहीं चूक रहे हैं कि वह सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, भिवानी सहित 10 विधानसभा सीटों पर हार जीत का दम रखते हैं। सियासी हलकों में यह चर्चा है कि एकाध दिन में राज्यसभा उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है। कांग्रेस पहले से ही अपना उम्मीदवार घोषित न करने की बात कह चुकी है। इस वजह से भाजपा उम्मीदवार की निर्विरोध चुने जाने की पूरी संभावना है। यही वजह है कि बिना लड़े राज्यसभा में पहुंचने की संभावना ने किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई को एक दूसरे के सामने लाकर खड़ा कर दिया है। अब देखना यह है कि भाजपा किसको राज्यसभा में भेजने का मौका देती है।
-संजय मग्गू