बेशक आज इंसान चांद पर पहुंच चुका है। रोज नए नए अविष्कार हो रहे हैं। लेकिन आज भी अनेक लोग अंधविश्वास और की भ्रांतियों के साए में जी रहे हैं। सांप काटने की घटना होने पर लोग अक्सर अंधविश्वास में पड़कर दकियानूसी नुस्खों का इस्तेमाल करने लगते हैं। जिससे कई बार मरीज की जान के लिए खतरा भी उत्पन्न हो सकता है। ऐसा ही एक मामला बुधवार को बीके अस्पताल में उस समय देखने कोमिला, जब सांप के काटने का शिकार हुए किशोर को परिजन न केवल नीम के पत्ते खिलाते हुए अस्पताल लाए थे बल्कि उन्होंने किशोर के हाथों में पट्टियां बांधने के साथ ब्लेड से कई कट लगाए हुए थे। उनका मानना था कि नीम के पत्ते खिलाने से जहर नहीं फैलता, साथ ही कट लगाने से सांप का जहर शरीर से निकल जाता है। अस्पताल के ड्यूटी डॉक्टर ने तुरंत पट्टियां हटा कर किशोर को इंजेक्शन और फ्लूड लगाकर उस का इलाज शुरू कर दिया। आयुर्वेद से जुड़े डॉक्टरों का कहना है कि सांप के काटने पर नीम के पत्ते खिलाने से कोई फायदा नहीं होता।
यह है पूरा मामला:
धौज गांव निवासी 15 वर्षीय सलीम बुधवार को अपनी बकरी के लिए पेड़ से पत्ते तोड़ने गया था। उसी दौरान सांप ने सलीम के हाथ पर काट लिया। उसके पिता साबू और मां सितारा ने सलीम के बाजू में दो जगह कपड़ा कसकर बांध दिया। साबू ने सलीम के जिस हाथ पर सांप ने काटा था, उस पर ब्लेड से कई कट लगा दिये। वहीं सलीम की बुआ रजिना ने उसे लगातार काफी मात्रा नीम के पत्ते खिलाए। सलीम को तुरंत अस्पताल ले जाने की बजाए उन्होंने इन नुस्खों में करीब एक घंटे से ज्यादा समय लगा दिया। इस दौरान सलीम की हालत बिगड़ते देख उसे बीके अस्पताल ले जाया गया। यहां भी परिजन नीम के पत्ते साथ लेकर आए थे। जिसे देखकर आपातकालीन कक्ष में मौजूद डॉक्टर हैरान हुए बिना नहीं रहे। डॉक्टर ने नीम के पत्ते और सलीम के हाथों में बंधे कपड़े हटवा कर डस्टबिन में फिकवा दिये। सलीम के परिजनों ने दावा किया कि नीम के पत्ते खिलाने से जहर का असर कम हो जाता है।
भ्रम में जी रहे लोग :
बल्लभगढ़ सिविल अस्पताल में स्थित आयुष केंद्र में तैनात आयुर्वेदिक डॉक्टर योगिंद्र सरदाना ने बताया कि सांप के कटने पर जहर कम करने में नीम के पत्तों की कोई भूमिका नहीं होती। लोग भ्रम में पड़कर कई बार मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करने लगते हैं।
–कविता