बिहार-यूपी में छठ का त्यौहार सबसे बड़ा माना जाता है इस दिन चारों तरफ एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है। हर साल लाखों लोग छठ पर अपने घर जाते है इन दिनों रेलवे स्टेशन पर भीड़ का मंजर रेलवे के सारे इंतज़ामों पर पानी फेरता नज़र आता है।
छठ के मौक़े पर बिहार-यूपी में चारों तरफ छाई रौनक सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। इस त्यौहार पर दूसरे प्रदेशों में काम करने के लिए आए लाखों लोग अपने घर जाने के लिए कई दिनों पहले से ही टिकट बुक करवा देते है। लेकिन फिर भी हालत ऐसी हो जाती है कि ट्रैन में लोगों को बैठना तो दूर खड़े होने तक की भी जगह नहीं मिलती है। ऐसे में छठ को लेकर रेलवे की सारी तैयारियां फेल होती नज़र आती है।
छठ पर सफर के दौरान कुछ जगहों पर तो ट्रेनों में जनरल, स्लीपर और AC कोच का हाल एक जैसा हो जाता है समझ ही नहीं आता कि इनमें क्या अंतर है। कई लोग भीड़ की वजह से ही पहले रिजर्वेशन करवा भी लेते है। उन्हें फिर भी अपनी सीट पर भीड़ का सामना करना पड़ता है।
बोरियों की तरह भरे जा रहे लोग
देश के कई रेलवे स्टेशन की हालत ऐसी है, कि लोग ट्रेनों में चढ़ नहीं रहे है बल्कि बोरियों की तरह धक्का-मुक्की करके अंदर डाले जा रहे है। मंगलवार को मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनल से बिहार जाने वाली भागलपुर एक्सप्रेस में भारी-भीड़ देखने को मिली। रेलवे स्टेशन की जो तस्वीरें सामने देखने को मिले उनमें देखने को मिला कि कैसे लोगों को एक-एक सीट के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली का भी बुरा हाल
ऐसी हालत किसी एक रेलवे स्टेशन की नहीं है बल्कि मुंबई, दिल्ली या सूरत सभी रेलवे स्टेशनों पर हालात एक जैसे हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और आनंद बिहार में यात्रियों के रुकने के लिए रेलवे की तरफ से हर साल की तरह कई इंतजाम के दावे किए जा रहे हैं लेकिन भीड़ के आगे सब फेल होते नज़र आते है। रेलवे स्टेशन पर इतनी भीड़ होती है कि लोग भारी सामान के साथ एक-दूसरे को धक्का-मुक्की करते नज़र आते है। पुख्ता इंतज़ाम नहीं होने की वजह से लोग कहते हुए नज़र आ रहे है हर साल कहते कुछ और है और करते कुछ ओर है।