आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में भाजपा और कांग्रेस दोनों जुट गई हैं। भाजपा संगठन और प्रदेश सरकार ने अपने स्तर पर कार्यकर्ताओं को मैदान में उतराने का प्रयास करना शुरू कर दिया है। भाजपा नेताओं ने तो यहां तक कहना शुरू कर दिया है कि बस सौ दिन बचे हैं, कार्यकर्ताओं को चुनाव अभियान में जुट जाना चाहिए। यही हाल कांग्रेस का है। कांग्रेस के सबसे बड़े और प्रभावशाली धड़े भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट ने कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाकर उन्हें एक्टिव मोड में लाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने लगभग सभी जिलों में या तो कार्यकर्ता सम्मेलन कर लिया है या फिर एकाध दिन में करने वाले हैं। इन कार्यकर्ता सम्मेलनों में हुड्डा पिता-पुत्र और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान सहित अन्य नेता लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के लिए उनका आभार व्यक्त कर रहे हैं।
कांग्रेस नेताओं ने कार्यकर्ताओं से पार्टी की नीतियों को लेकर जनता के बीच जाने और प्रदेश सरकार की खामियों को उजागर करने को कहा है। प्रदेश में सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी के मुद्दे को जनता के बीच उठाने का निर्देश दिया गया है। प्रदेश सरकार को हर तरह से घेरने के लिए कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया जा रहा है। वहीं केंद्रीय नेतृत्व ने भी हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारियों को गति प्रदान करने के लिए 26 जून को कांग्रेसी नेताओं को दिल्ली बुलाया। हुड्डा गुट के ज्यादातर नेताओं को 26 जून को होने वाली बैठक में आने को कहा गया है, लेकिन एसआरके गुट से सिर्फ रणदीप सुरजेवाला और कुमारी सैलजा को बुलाया गया है।
वैसे भी किरण चौधरी और उनकी बेटी ऋतु चौधरी के भाजपा में चलने जाने से एसआरके गुट एक तरह से बिखर गया है। मां-बेटी के भाजपा में चलने जाने के बाद हुड्डा गुट पर सबसे ज्यादा कुमारी सैलजा ही हमलावर रही हैं। उन्होंने किरण चौधरी के आरोप की पुष्टि की। किरण चौधरी की बातों को सही साबित करने का प्रयास किया। जिस तरह कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश के नेताओं को 26 जून को होने वाली बैठक में बुलाया है, उससे एक बात तो साफ है कि केंद्रीय नेतृत्व भी सैलजा और रणदीप को बहुत अधिक महत्व नहीं दे रहा है।
ऐसी स्थिति में अच्छा तो यह होता कि सैलजा अपनी तमाम असहमतियों को दरकिनार करके पार्टी के हित में काम करती और हुड्डा गुट पर हमला करना छोड़ देतीं। प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी और अंर्तकलह की वजह से पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है। पार्टी को नुकसान पहुंचाकर अपने अहम को संतुष्ट करना कतई उचित नहीं है। पूरी कांग्रेस लोकसभा चुनाव परिणाम को लेकर उत्साहित है। उसका वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में अच्छी बढ़त मिलने की उम्मीद है।
-संजय मग्गू