उच्चतम न्यायालय ने तिरुपति लड्डू (TIRUPATI LADDU: )बनाने में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को एक स्वतंत्र विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। इस एसआईटी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आंध्र प्रदेश पुलिस के दो-दो अधिकारियों के अलावा भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का एक वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होगा।
TIRUPATI LADDU: एसआईटी की जांच की निगरानी सीबीआई निदेशक करेंगे
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि एसआईटी की जांच की निगरानी सीबीआई निदेशक करेंगे। इस मामले में न्यायालय की निगरानी में जांच कराए जाने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान पीठ ने यह आदेश पारित किया। पीठ ने स्पष्ट किया कि वह अदालत का ‘‘राजनीतिक युद्धक्षेत्र’’ के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देगी और कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि यह मामला राजनीतिक नाटक में बदले।’’
जांच की निगरानी केंद्र सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जा सकती है
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि अगर आरोपों में जरा भी सच्चाई है, तो यह अस्वीकार्य है। उन्होंने सुझाव दिया कि एसआईटी द्वारा जांच की निगरानी केंद्र सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जा सकती है। उच्चतम न्यायालय ने 30 सितंबर को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस निर्णय में सहायता करने को कहा था कि क्या राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी की जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने शीर्ष विधि अधिकारी से इस मुद्दे पर विचार करने और इस संबंध में सहायता करने को कहा था।