Tuesday, October 8, 2024
27.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiतीन मंत्रियों से जीटीबेल्ट, अहीरवाल, दक्षिण हरियाणा साधने की कोशिश

तीन मंत्रियों से जीटीबेल्ट, अहीरवाल, दक्षिण हरियाणा साधने की कोशिश

Google News
Google News

- Advertisement -

रविवार को नई दिल्ली में एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल के गठन में तीन मंत्रियों की हिस्सेदारी के साथ हरियाणा के विकास का मार्ग एक तरह से प्रशस्त हो गया है। डबल इंजन सरकार में जब विकास कार्य शुरू होते हैं, तो उनकी प्रक्रिया थोड़ी तेज होती है। कारण यह है कि केंद्र में अपनी ही पार्टी की सरकार होने पर किसी तरह की अड़चन की आशंका कतई नहीं होती है। बजट और प्लानिंग में बाधाएं नहीं आती हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को कैबिनेट मंत्री, राव इंद्रजीत सिंह को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और कृष्णपाल गुर्जर को राज्य मंत्री बनाकर केंद्र सरकार ने पंजाबी, अहीर, गुर्जर वोट बैंक को रिझाने की कोशिश की है।

इन तीनों सांसदों को मंत्री बनाकर अहीरवाल, जीटी बेल्ट और दक्षिण हरियाणा को साधने की कोशिश की गई है। हरियाणा को इतना महत्व देने का कारण आने वाले दिनों में होने वाला विधानसभा चुनाव है। लोकसभा चुनाव में पांच सीटें गवां वाली भाजपा अब किसी भी किस्म का रिस्क लेना नहीं चाहती है। यही वजह है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल का गठन करते समय हरियाणा को महत्व दिया गया। यदि आंकड़ों के आधार पर बात की जाए तो तीनों लोकसभा क्षेत्रों में 27 विधानसभा सीटें आती हैं। भाजपा इन तीनों लोकसभा क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटों के मतदाताओं को केंद्र में प्रतिनिधित्व मिलने की बात से रिझा सकती है।

यह भी पढ़ें : याद कीजिए, कब किसी धुन पर थिरके या गाए थे!

प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल पंजाबी समाज का सबसे बड़ा चेहरा हैं। वह दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें आगे करके पंजाबी मतदाताओं को अपने पक्ष में किया जा सकता है। आंकड़ा यह भी बताता है कि प्रदेश के तीस शहरी विधानसभा सीटों में से 23 सीटों पर पंजाबी समाज किसी भी विधानसभा प्रत्याशी को जिता और हरा सकता है। प्रदेश में पंजाबी समाज के 13 प्रतिशत मतदाता हैं, जबकि अहीर छह प्रतिशत और गुर्जर पांच प्रतिशत मतदाता हैं।

प्रदेश में पंजाबी बहुल 27, गुर्जर बहुल 12 और अहीर बहुल 11 विधानसभा क्षेत्र हैं। यदि प्रदेश की इतनी विधानसभाओं को साधने में भाजपा को सफलता मिल गई, तो आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को अच्छी खासी सीटें मिल सकती हैं। इसके साथ ही प्रदेश सरकार को बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर ध्यान देना होगा। बेरोजगारी को लोकसभा चुनाव के दौरान भी मुद्दा बनाया गया था। देश में बेरोजगारी और पेपरलीक जैसे मुद्दों ने भी भाजपा को चुनाव के दौरान बहुत नुकसान पहुंचाया है। बेरोजगार युवाओं का भाजपा से लगातार मोह भंग हो रहा है। यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो विधानसभा चुनाव परिणाम परेशान कर सकते हैं। महंगाई तो इन दिनों राष्ट्रीय मुद्दा है ही।

-संजय मग्गू

लेटेस्ट खबरों के लिए क्लिक करें : https://deshrojana.com/

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

विदेश मंत्री जयशंकर से मिले मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू, जानें क्या हुई दोनों में बातचीत?

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohammed Muizzu) रविवार को भारत पहुंचे, और उनका विमान दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरा। उनके साथ उनकी पत्नी, प्रथम...

शरद केलकर: एक बहुमुखी अभिनेता और वॉयस आर्टिस्ट की कहानी

शरद केलकर, भारतीय टेलीविज़न और सिनेमा के एक प्रमुख नाम, अपनी बहुमुखी प्रतिभा के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने न केवल अभिनय में बल्कि...

HR-POLLS-COUNTING: मतगणना के लिए तैयार हरियाणा: क्या बदलेगा सत्ता का समीकरण?

हरियाणा में मतगणना के दिन के नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियां और नेता (HR-POLLS-COUNTING: )बेहद उत्सुकता के साथ इंतजार कर रहे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा...

Recent Comments