Wednesday, February 5, 2025
22.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiभाजपा की मुट्ठी से फिसल तो नहीं रहा है युवा वोट बैंक!

भाजपा की मुट्ठी से फिसल तो नहीं रहा है युवा वोट बैंक!

Google News
Google News

- Advertisement -

नीट परीक्षा में हुई गड़बड़ी और अग्निवीर योजना धीरे-धीरे केंद्र सरकार के गले की फांस बनती जा रही है। इन दोनों मामलों को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अग्निवीर योजना को लेकर सवाल खड़े करने के बाद सरकार और घिर गई है। अग्निवीर वाले मामले में अब तो सेना ने भी सिफारिश कर दी है कि अग्निवीरों के लिए भी पेंशन जैसी योजना शुरू की जाए और पचास प्रतिशत या इससे अधिक अग्निवीरों को परमानेंट किया जाए। इस संबंध में सेना ने तीन-चार महीने तक सर्वे कराने के बाद अपनी रिपोर्ट डिपार्टमेंट आफ मिलेट्री अफेयर्स को सौंप दी है। असल में यही दो मुद्दे ऐसे हैं जिसको लेकर विपक्ष खासतौर पर राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी जैसे नेता खेल रहे हैं। नीट जैसी तमाम परीक्षाओं और अग्निवीर योजना का संबंध देश के युवा समुदाय से है। वर्ष 2014, 2019 में 25 साल से कम आयु वर्ग और 25 से 35 आयु वर्ग के युवाओं का रुझान भाजपा के पक्ष में था।

हर साल दो करोड़ नौकरियों का वायदा इतना आकर्षक था कि युवाओं के भाजपा से जुड़ने में देर नहीं लगी। पिछले लोकसभा चुनावों में 18-35 साल के युवाओं ने राहुल गांधी या कांग्रेस की अपेक्षा पीएम नरेंद्र मोदी को ज्यादा प्राथमिकता दी थी। सीएसडीएस-लोकनीति सर्वे बताता है कि 25 साल से कम आयु वर्ग के 39 प्रतिशत और 26-35 आयु वर्ग के 38 प्रतिशत मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया। वहीं इन आयुवर्गों के क्रमश: 21 और 22 प्रतिशत वोट मतदाताओं ने कांग्रेस को वोट दिया। हां, वर्ष 2024 में कांग्रेस को एक और दो प्रतिशत वोट ज्यादा मिले। असल में जिस तरह राहुल गांधी नीट परीक्षार्थियों से मिलकर उन्हें सांत्वना दे रहे हैं, उनको हिम्मत बंधा रहे हैं, संसद में उनके मुद्दे को उठाने का आश्वासन दे रहे हैं, वह आने वाले दिनों में भाजपा के लिए संकट का कारण बन सकता है। नीट परीक्षा मामले में सरकार का ढीला-ढाला रवैया भी युवाओं का भाजपा से मोह भंग कर रहा है।

जब कोई किसी के पास जाकर उनके दुख-दर्द में शामिल होता है, उसके गले लगकर उसे सांत्वना देता है, तो पीड़ित या दुखी व्यक्ति को वह व्यक्ति अपना सा लगने लगता है। राहुल गांधी पिछले काफी दिनों से जनसंपर्क पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। वह हाथरस हादसा पीड़ितों से मिलने गए, तो पीड़ित उनके गले लगकर फूट-फूटकर रोए और अपनी व्यथा बताई। वह असम के बाढ़ पीड़ितों और मणिपुर के दंगा पीड़ितों से भी मिले।

अपनी सरकार न होने के चलते यदि राहुल गांधी ज्यादा कुछ न कर पाएं, तो भी पीड़ितों को वे अपना ही लगेंगे। अग्निवीर शहीदों के परिजनों से मिलना भी भाजपा के लिए संकट का वायस बन रहा है। भाजपा को हर उस मुद्दे को काफी गंभीरता से लेना होगा, जो युवाओं से जुड़ा हुआ है। देश में युवा मतदाताओं की बहुत बड़ी संख्या है। वे जिस तरफ झुकेंगे, सरकार उसी की बनने वाली है। एक दो साल में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों में युवा निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं, भाजपा को इस बात को ध्यान में रखना चाहिए।

-संजय मग्गू

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

बिशन लाल सैनी होंगे BJP में शामिल

चंडीगढ़ । हरियाणा में BJP परिवार में congres के एक बड़े नेता की एंट्री होने जा रही है। CM नायब सिंह सैनी के नेतृत्व...

Recent Comments