भारत में डिजिटल भुगतान में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसमें यूपीआई (Unified Payments Interface) सबसे लोकप्रिय तरीका बन गया है। हालांकि, यूपीआई के बाद एनएफसी (Near Field Communication) अगली बड़ी बात हो सकती है।
एनएफसी एक संपर्क रहित भुगतान तकनीक है जो उपयोगकर्ताओं को अपने स्मार्टफोन या अन्य एनएफसी-सक्षम डिवाइस को टैप करके भुगतान करने की अनुमति देती है।
एनएफसी कई कारणों से यूपीआई के बाद अगली बड़ी बात हो सकती है। सबसे पहले, एनएफसी का उपयोग करना बहुत आसान है। उपयोगकर्ताओं को बस अपने डिवाइस को टैप करना होता है और भुगतान हो जाता है। दूसरा, एनएफसी बहुत सुरक्षित है।
एनएफसी लेनदेन को एन्क्रिप्ट किया जाता है और एक अद्वितीय टोकन का उपयोग करके सुरक्षित किया जाता है। तीसरा, एनएफसी स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है। भारत में पहले से ही कई रिटेलर्स एनएफसी भुगतान स्वीकार करते हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
एनएफसी के कई फायदे हैं। सबसे पहले, एनएफसी भुगतान बहुत तेज़ हैं। लेनदेन को पूरा होने में कुछ सेकंड ही लगते हैं। दूसरा, एनएफसी भुगतान बहुत सुविधाजनक हैं।
उपयोगकर्ताओं को अपने फोन को बाहर निकालने और अपना पासवर्ड दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है। तीसरा, एनएफसी भुगतान बहुत सुरक्षित हैं। लेनदेन को एन्क्रिप्ट किया जाता है और एक अद्वितीय टोकन का उपयोग करके सुरक्षित किया जाता है।
एनएफसी के कुछ नुकसान भी हैं। सबसे पहले, एनएफसी सभी स्मार्टफ़ोन पर उपलब्ध नहीं है। दूसरा, एनएफसी टर्मिनल सभी रिटेलरों द्वारा उपलब्ध नहीं हैं। तीसरा, एनएफसी भुगतान छोटी मात्रा के लेनदेन के लिए सबसे उपयुक्त हैं।
कुल मिलाकर, एनएफसी यूपीआई के बाद अगली बड़ी बात होने की क्षमता रखता है। यह एक आसान, सुविधाजनक और सुरक्षित संपर्क रहित भुगतान तकनीक है जिसे तेजी से अपनाया जा रहा है। भारत के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में एनएफसी की भूमिका भविष्य में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ने की उम्मीद है।