Wednesday, January 15, 2025
15.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeIndiaइलेक्टोलर बॉन्‍ड पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

इलेक्टोलर बॉन्‍ड पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

Google News
Google News

- Advertisement -

सियासी पार्टियों की इनकम का एक बड़ा हिस्सा चुनावी बॉन्‍ड से आता है,राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता लाने की कोशिशें के तहत चुनावी बॉन्‍ड योजना को दो जनवरी साल 2018 को सरकार की तरफ से अधिसूचित किया गया था,इसे नगद चंदे के विकल्प के तौर पर पेश किया गया था।

 एक रिपोर्ट के मुताबिक इलेक्टोरल बॉन्‍ड के जरिए मिलने वाला चंदा अज्ञात स्रोत में गिना जाता है यानी कि जो चंदा देता है उन दानदाताओं की जानकारी को सार्वजनिक तौर से उपलब्ध नहीं करवाया जाता है।कुछ याचिकाओं के माध्यम से चुनावी बॉन्‍ड योजना की वैधता को चुनौती दी गई,ऐसी चार याचिकाओं पर मंगलवार 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई होनी है।

 चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इस मामले पर सुनवाई करेगी।

 कांग्रेस नेता जया ठाकुर और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी की तरफ से याचिकाएं शामिल है,मामला सुर्खियों में है।

आपको भी बताते हैं कि इलेक्टोल बॉन्‍ड क्या होता है और बीजेपी कांग्रेस जैसी तमाम पार्टियों को इसके जरिए कितना चंदा मिलता है।

मीडिया के मुताबिक मार्च में एक जनहित याचिका में दावा किया गया की चुनावी बॉन्‍ड के जरिए सियासी पार्टियों को अब तक कुल 12000 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है और इसका दो तिहाई भाग एक प्रमुख सियासी पार्टी को गया है।

तो वहीं चुनावी गतिविधियों पर नजर रखने वाली गैर सरकारी संस्था संगठन पर फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने 2017 में इस मामले में पहली जनहित याचिका दायर की जिसमें,भ्रष्टाचार पारदर्शिता की कमी जैसे आरोप लगाए गए और मुद्दे पर एक अंतिम अर्जी दायर कर मांग की गई की चुनावी बांड की बिक्री फिर से ना खोली जाए। फिर साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्‍टोलर बांड योजना पर अंतिरिम आवेदन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया एनजीओ की तरफ से दायर अंतरिम आवेदन पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा गया।

 इससे पहले अटॉर्नी जनरल और वेंकटरमन ने सुप्रीम कोर्ट में एक बयान दिया,जिसमें यह कहा गया कि नागरिकों को धन के स्रोत के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 19-एक(ए) के तहत जानकारी का अधिकार नहीं है।

योजना के प्रावधानों के मुताबिक भारत का कोई भी नागरिक या देश में निगमित या स्थापित इकाई इलेक्टोरल बॉन्‍ड खरीद सकती है।

 कोई भी शख्स अकेले या दूसरे व्यक्तियों के साथ मिलकर चुनावी बॉन्‍ड खरीद सकता है इसके बाद बॉन्‍ड के जरिए पसंद की पार्टी को चंदा भी दिया जा सकता है हालांकि कोई भी व्यक्ति चुनावी बॉन्‍ड तभी खरीद सकता है जब उसका केवाईसी वेरीफाई किया जा चुका हो।

तो आपको ये भी बता दें कि इलेक्टोलन बॉन्ड जारी करने के लिए मात्र स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ही अधिकृत बैंक है।

चुनावी बॉन्‍ड लेने के लिए किसी पार्टी का जनप्रतिनिधि व अधिनियम 1951 की धारा 291 के तहत पंजीकृत होना जरूरी है,इसके अलावा सियासी पार्टियों ने पिछले लोकसभा या राज्य विधानसभा के चुनाव में कम से कम एक फीसदी वोट प्रतिशत हासिल किया हो।

मौजूदा वक्‍त में सियासी पार्टियों को चुनावी बॉन्‍ड से मिले चंदे और बीस हजार रुपये कम का चंदा देने वाले दाताओं की डिटेल घोषित करना जरूरी नहीं है।

साल 2019 अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्‍ड योजना पर रोक लगाने से इनकार किया और यह साफ तौर पर कह दिया गया कि वे याचिकाओं पर गहन सुनवाई करेगी केंद्र और चुनाव आयोग ने पहले राजनीतिक चंदे को लेकर कोर्ट में अलग रुख अपनाया था सरकार दानदाताओं की गुमनामी बनाए रखना चाहती थी और चुनाव आयोग पारदर्शिता के लिए उनके नाम का खुलासा करने पर जोर दे रहा था।

तो वहीं मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एडीआर ने बताया कि उसने वित्तीय वर्ष 2016–17 और वित्तीय वर्ष 2021-22 के बीच छ: साल की अवधि में 31 मान्यता प्राप्त पार्टियों से मिले चंदे का विश्लेषण किया। 31 पार्टियों में साथ राष्ट्रीय और 24 क्षेत्रीय दल शामिल थे

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021-22 में आठ  राष्ट्रीय पार्टियों की कुल आय मिलकर 3289.34 करोड़ रुपए थी।

 इस अवधि में बीजेपी की कुल आय 1917.12 करोड़,टीएमसी 545.745 करोड़,कांग्रेस की 541. 275 करोड़,सीपीएम की 1623 करोड़,एनसीपी की 75.84 करोड़,बीएसपी की 43.70 करोड़, सीपीआई 2.87 करोड़ और एनपीईपी की कुल आय 0.472 करोड़ रुपए थी।

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

haryana weather:हरियाणा में इस दिन फिर होगी बारिश, रात के तापमान में गिरावट जारी

मौसम (haryana weather:)में बदलाव के साथ ठंड में तेजी से वृद्धि हो रही है और रात के तापमान में गिरावट देखी जा रही है।...

mahakumbh 2025:कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं ने पूरे उत्साह के साथ डुबकी लगाई

कड़ाके की ठंड (mahakumbh 2025:)के बावजूद, श्रद्धालुओं ने बुधवार को महाकुंभ के त्रिवेणी संगम में पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ डुबकी लगाई। "हर...

लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर अब कसेगा शिकंजा

संजय मग्गूसरकार किसी भी दल की हो, उसका कामकाज अधिकारियों के भरोसे ही चलता है। मंत्री, विधायक या सांसद निर्देश देते हैं और अधिकारी...

Recent Comments