Saturday, December 21, 2024
15.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindi‘एआई’ को भस्मासुर बनने से पहले रोकना होगा

‘एआई’ को भस्मासुर बनने से पहले रोकना होगा

Google News
Google News

- Advertisement -

अफवाहें हमेशा चुनाव का हिस्सा रही हैं। चुनाव चाहे स्थानीय निकायों के हों, विधान सभाओं के हों या फिर लोकसभा के। देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम होने के एकाध दशक बाद अफवाहें फैलाकर चुनाव जीतने की अघोषित परंपरा कायम हो गई थी। सन 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े करके बांग्लादेश बनाने की घटना के बाद देश के राजनीतिक हलकों में इस बात का प्रचार किया गया कि इंदिरा गांधी को जनसंघ के नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने दुर्गा कहा था। हालांकि वाजपेयी जी इसका बार-बार खंडन करते रहे, लेकिन कांग्रेस को जो लाभ उठाना था, उस दौर में उठा लिया। अफवाह यानी शगूफा वाली रणनीति लगभग सभी दलों ने अपने-अपने स्तर से छोटे-बड़े पैमाने पर अपनाई है। लेकिन आज जो कुछ हो रहा है, वह उन दिनों के अफवाहों से कहीं ज्यादा घातक है।

कहीं ज्यादा विनाशक है। कहीं ज्यादा जानलेवा है। इन दिनों एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके विभिन्न राजनीतिक दल अपने विरोधी नेताओं के फेक वीडियो वायरल कर रहे हैं। हालात यह है कि आम लोग इन वीडियो में असली और नकली का फर्क नहीं कर पा रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही गृहमंत्री अमित शाह के वीडियो में छेड़छाड़ करके वायरल किया गया था। इस मामले में कुछ लोग गिरफ्तार भी किए गए हैं। भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी इन मामलों में अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं। वे कहते हैं कि अभी अगर फेक वीडियो फॉरवर्ड करने वालों के ऊपर कार्रवाई होती है, तो शायद दूसरों को अपुष्ट जानकारी साझा करने से डर लगेगा। 29 अप्रैल को पीएम मोदी भी एआई के बढ़ते दुरुपयोग को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं।

यह भी पढ़ें : भगवान न करे, मुझे साम्राज्य मिले

यह तो चुनावों में मतदाताओं को रिझाने या बढ़त हासिल करने की बात है। इस एआई, चैटजीपीटी जैसी तकनीक जैसे-जैसे उन्नत होती जा रही हैं, समाज के उन लोगों की चिंता बढ़ती जा रही है जो देश और समाज को सुरक्षित और सुखमय रखना चाहते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने देश और समाज को एक तरह से ज्वालामुखी के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है। आप कल्पना करके देखिए। यदि किसी दिन किसी सिरफिरे आदमी ने कोई ऐसी फेक वीडियो वायरल कर दी जिससे पूरे देश में आग लग जाने की आशंका हो, दो धर्मों में वैमनस्य फैल जाने की आशंका हो, देश में विद्रोह फैल जाने की आशंका हो, गृहयुद्ध जैसी स्थिति पैदा हो जाने की आशंका हो या देश के किसी लोकप्रिय नेता को किसी ऐसी स्थिति में दिखाया जाए जिसकी कोई कल्पना ही नहीं कर सकता, तब क्या होगा?

आम आदमी तो असली और नकली वीडियो में फर्क नहीं कर पाएगा। ऐसा संभव भी नहीं है कि लगभग डेढ़ सौ करोड़ की आबादी वाले देश का हर नागरिक तकनीकी रूप से इतना सजग हो कि वह असली और नकली का फर्क एक नजर में पहचान सके। सरकार को ऐसी स्थिति आए, उससे पहले इस मामले में एक सख्त कानून बनाने की जरूरत है। इस मामले में तनिक भी गड़बड़ी करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जरूरत है।

Sanjay Maggu

-संजय मग्गू

लेटेस्ट खबरों के लिए क्लिक करें : https://deshrojana.com/

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

भारत में बुज़ुर्ग आबादी की दिनोंदिन बढ़ती समस्याएँ

--डॉ. सत्यवान सौरभभारत की आबादी में वरिष्ठ नागरिकों का प्रतिशत हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ रहा है और यह प्रवृत्ति जारी रहने...

तो अब पूरी तरह बिहार सरकार की हो गई बेतिया राज की जमीन, जानें कहां थी कितनी जमीनें

Bettiah Raj: बिहार सरकार ने बेतिया राज की 15,358 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया है। इसके लिए हाल ही में राजपत्र अधिसूचना जारी...

आज ही के दिन पियरे और मैरी क्यूरी ने की थी रेडियम की खोज

इतिहास में 21 दिसंबर का दिन विज्ञान जगत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। वर्ष 1898 में, इस दिन पियरे और मैरी क्यूरी ने रेडियम...

Recent Comments