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Deodorant इस्तेमाल करते समय बरतें सावधानी

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हम रोजाना कई सारे कैमिकल्स के बीच जीते हैं। इनमें से कुछ हमारी जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं, तो कुछ को हमने शौक या लग्जरी की वजह से अपना लिया है। इनमें एक बड़ा प्रतिशत है COSMETIC  का। साबुन से लेकर शैंपू, लोशन तक और Perfume से लेकर DEO स्टिक तक, रोजाना हमारा शरीर कई सारे रसायनों से होकर गुजरता है। जाहिर है कि रसायन हैं तो रासायनिक प्रतिक्रिया भी देंगे। Deodorant का प्रयोग भी इसी के अंतर्गत आता है। गर्मियों के दिन हों या बारिश के, पसीने और उमस भरे वातावरण में Deodorant मन को ताजगी का एहसास देने का काम करता है। साथ ही पसीने की दुर्गंध को भी दूर रखता है। लेकिन, DEO का गलत या अधिक इस्तेमाल कई समस्याएं खड़ी कर सकता है।

DEO Skin की एसिडिटी बढ़ाकर बदबू पर नियंत्रण का काम करता है। खास तौर पर बगलों यानी आर्मपिट पर। लेकिन यह पसीने पर नियंत्रण नहीं करता। Deodorant एक प्रकार का कॉस्मेटिक है। इसलिए ये रसायनों से बनाए जाते हैं। पसीने की बदबू को रोकने के लिए इनमें Perfume का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही इनमें अल्कोहल भी होता है। यही कारण है कि जब आप स्किन पर इसे लगाते हैं तो वह रूखी और रंगहीन हो सकती है।

DEO के कारण कई बार Alergy ट्रिगर हो सकती है। इसमें Skin पर रैशेज, दाने, लाली, खुजली, जलन होना या Skin पर पपड़ी बनना या सूजन आना आदि होने के साथ ही सांस संबंधी लक्षण भी पनप सकते हैं। आम तौर पर यह कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस का एक प्रकार होता है। ऐसा DEO में मौजूद एल्युमिनियम, अल्कोहल, कृत्रिम सुगंध, पैराबीन्स जैसे प्रिजर्वेटिव्ज, रंग या अन्य रसायनों की वजह से हो सकता है।

सावधानियां: सबसे पहली चीज है, आपकी स्किन की संवेदनशीलता। अगर आपकी स्किन सेंसेटिव है तो बहुत सतर्कता से DEO का चुनाव करें। हो सके तो विशेषज्ञ से परामर्श भी लें। याद रखना होगा कि शरीर पर आने वाला पसीना बदबूदार नहीं होता। ये आपकी स्किन पर पलने वाले बैक्टीरिया होते हैं, जो इस बदबू का कारण बनते हैं। इसलिए यदि आप बॉडी ओडर से परेशान हैं तो पहले इसका कारण जानें। बजाय कारण समझे ढेर सारे DEO का उपयोग न करें। हो सकता है कि आपके साथ कोई ऐसी समस्या हो, जिसे सही उपचार की जरूरत हो। चूंकि DEO को हमेशा सीधे स्किन पर लगाया जाता है। ऐसे में यदि DEO लगाने के बाद Skin पर जलन, खुजली, रूखेपन आदि का एहसास हो, तो तुरंत उसे लगाना बन्द कर दें। आजकल बाजार में नैचुरल Deodorant भी उपलब्ध हैं। ये ज्यादातर प्राकृतिक साधनों जैसे- एसेंशियल आॅइल्स, बेकिंग सोडा, कॉर्नस्टार्च आदि के प्रयोग से बनाए जाते हैं। इनका प्रयोग अधिक सुरक्षित हो सकता है। यदि इनसे भी Alergy के लक्षण उभरते हैं तो DEO का प्रयोग न करें। कॉटन के साफ धुले कपड़े पहनने, रोज अच्छे से नहाने, शरीर को साफ रखने, शरीर के अतिरिक्त बालों को हटाने और खान-पान में थोड़ा बदलाव लाने जैसे तरीकों से काफी हद तक पसीने की बदबू को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा आर्मपिट डिटॉक्स, एलोवेरा, नारियल तेल, एप्सम सॉल्ट, कोल्ड कम्प्रेस आदि जैसे साधनों से भी बदबू की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। यदि सामान्य उपायों से राहत न हो और Alergy के लक्षण बने रहें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

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