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Caste Based Census : बिहार के 34% परिवार गरीब, जानें अन्य का हाल?

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Bihar News : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने इतिहास रचा है। उन्होंने जाति आधारित गणना (Caste Based Census) की रिपोर्ट के बाद अब आर्थिक सर्वे रिपोर्ट भी पेश की है। बिहार सरकार ने विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में यह रिपोर्ट पेश की है। इसमें बताया गया है कि राज्य के 2 करोड़ 76 लाख 68 हजार 930 परिवारों में से 34.13 प्रतिशत परिवार गरीब हैं। यानी 94 लाख 42 हजार 786 परिवार गरीब हैं। इनमें मुख्य रूप से पांच कोटियां हैं। अनुसूचित जातियों के गरीब परिवार सबसे ज्यादा 42.93 प्रतिशत हैं। सामान्य वर्ग के गरीब परिवार सबसे कम 25.09 फीसदी हैं। हालांकि, एक आंकड़ा चौकाने वाला है।

Caste Based Census : कितनी है सामान्य वर्ग के परिवार की मासिक आय

बिहार की जाति आधारित गणना (Caste Based Census) की रिपोर्ट को लेकर पहले ही राजनीतिक दल सवाल उठा चुके हैं। राज्य का मुख्य विपक्षी दल भाजपा इसे चुनावी हथकंडा बता रहा है। अब आर्थिक आंकड़ों के सामने आने से भी राजनीतिक घमासान छिड़ सकता है। आर्थिक रिपोर्ट (Caste Based Census) की बात करें तो राज्य में सामान्य वर्ग के पास लगभग 25 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार रुपए तक है। वहीं, 23 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार रुपए है।

Caste Based Census : अन्य वर्ग में आय का क्या है हाल

रिपोर्ट के मुताबिक (Caste Based Census) सामान्य वर्ग में 19 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 हजार से 20 हजार है। वहीं, 16 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 हजार से 50 हजार है। नौ फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा है। पिछड़ा वर्ग में 33 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार तक है। पिछड़ा वर्ग में ही 29 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार है। 18 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 से 20 हजार है। 10 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 से 50 हजार है। चार फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा है।

CM Nitish Kumar ने रच दिया इतिहास

18 साल में ज्यादा समय तक भारतीय जनता पार्टी के साथ रहे नीतीश कुमार ने देश में पहली बार जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) कराया। आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) भी पहली बार ही पेश किया गया है। नीतीश सरकार ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन जातीय जनगणना (Caste Based Census) की रिपोर्ट जारी की थी। उसी रिपोर्ट से जुड़ा यह आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया गया है। इस रिपोर्ट को देखें तो बिहार में सबसे ज्यादा 98 लाख 84 हजार 904 परिवार अत्यंत पिछड़ी जातियों के हैं।

इनमें 33.58 प्रतिशत यानी 33 लाख 19 हजार 509 परिवार गरीब हैं। परिवार की संख्या के हिसाब से दूसरे नंबर पर पिछड़ा वर्ग हैं। पिछड़ा वर्ग के राज्य में 74 लाख 73 हजार 529 परिवार हैं। इनमें 33.16 प्रतिशत यानी 24 लाख 77 हजार 970 परिवार गरीब हैं। तीसरे नंबर पर अनुसूचित जातियों के परिवार की संख्या है। राज्य में अनुसूचित जाति के 54 लाख 72 हजार 024 परिवार हैं, जिनमें 42.93 प्रतिशत यानी 23 लाख 49 हजार 111 परिवार गरीब हैं।

सामान्य वर्ग के परिवारों में एक चौथाई गरीब

सरकार की ओर से कोटिवार आर्थिक रूप से गरीब परिवारों की जो संख्या जारी की गई है। उसमें सामान्य वर्ग के एक चौथाई परिवार गरीब दिख रहे हैं। सामान्य वर्ग के परिवारों की कुल संख्या 42 लाख 28 हजार 282 है। इनमें 25.09 प्रतिशत परिवार गरीब हैं। यानी, 10 लाख 85 हजार 913 परिवार सामान्य वर्ग में होकर भी गरीब हैं। पांच प्रमुख कोटियों के अलावा, इस रिपोर्ट में ‘अन्य प्रतिवेदित जातियों’ का एक कॉलम रखा गया है। इनके परिवार की कुल संख्या 39 हजार 935 बताई गई है। इनमें 23.72 प्रतिशत, यानी 9474 परिवार गरीब हैं।

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