दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गरीबों को मिलने वाले आवास में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा झुग्गीवासियों के लिए बनाए गए अपार्टमेंट अवैध रूप से अपात्र व्यक्तियों को बेचे जा रहे हैं।
शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में, भारद्वाज ने कहा कि ये डीडीए के फ्लैट गलत तरीके से आवंटित किए जा रहे हैं, जिससे केंद्र सरकार द्वारा विस्थापित झुग्गीवासियों को आवास देने का वादा पूरा नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई उपराज्यपाल की सहमति के बिना नहीं हो सकती।
भारद्वाज ने कहा, “इन फ्लैटों को भ्रष्टाचार की बलि नहीं चढ़ाया जा सकता, जब तक कि केंद्र सरकार और डीडीए की मिलीभगत न हो। इतना बड़ा घोटाला भाजपा के उपराज्यपाल की नाक के नीचे हो रहा है और यह संभव नहीं है कि उपराज्यपाल को इसकी जानकारी न हो।”
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा हमेशा गरीबों से परेशान रहती है और उनके खिलाफ खड़ी रहती है। जब गरीबों को मुफ्त बिजली और पानी दिया गया, तो भाजपा ने इसका विरोध किया। अब ये फ्लैट, जो गरीबों के लिए थे, अन्य लोगों को अवैध रूप से दिए जा रहे हैं।”
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कहा कि केवल उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के किसी कार्यरत न्यायाधीश ही पारदर्शी जांच सुनिश्चित कर सकते हैं। भारद्वाज ने कहा, “यदि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच करते हैं, तो इस पर पर्दा डाल दिया जाएगा, क्योंकि ये एजेंसियां एलजी और केंद्र सरकार के अधीन काम करती हैं। इसलिए, पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए इस मामले की जांच उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के किसी कार्यरत न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए।”