अशोक मिश्र
कहा जाता है कि नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांसीसी शासन प्रणाली को गणराज्य शासन प्रणाली में तब्दील कर दिया था। वह अपने राज्य के सभी क्षेत्रों पर बरीकी से नजर रखता था। उसका जन्म कार्सिका और फ्रांस के एकीकरण के एक साल बाद 15 अगस्त 1769 में हुआ था। वह एक कुलीन वंश में पैदा हुआ था। उसके पिता चार्ल्स बोनापार्ट फ्रांसीसी दरबार में कार्सिका का प्रतिनिधित्व करते थे। यही वजह है कि नेपोलियन का पालन पोषण अच्छी तरह हुआ और बाद में उसने सैनिक स्कूल में पढ़ाई की। जब वह फ्रांस का शासक बना, तो उसने अपने दरबारियों सहित जनता पर भी ध्यान देना शुरू किया। वह एक सजग और महान सेनापति था। उसने फ्रांस के शासक की सत्ता को उखाड़ फेंका था। कहा जाता है कि बोनापार्ट की नजर बहुत पारखी थी। वह हर चीज को बहुत बारीकी से देखता था। नेपोलियन की इसी आदत के चलते प्रशासन भी सतर्क रहा करता था और मंत्री, दरबारी गड़बड़ी करने से घबराते थे। एक बार की बात है। अपने दर्जी को नेपोलियन ने फौजी वर्दी सिलने को दी। दर्जी जानता था कि सम्राट छोटी से छोटी बात पर ध्यान देते हैं। इसलिए नेपोलियन की वर्दी सिलने वाला दर्जी काफी घबराया हुआ था। उसने काफी समय लगाया। उसने एक-एक नाप सही तरीके से ली। सिलते समय भी सब कुछ ध्यान में रखा। कहीं कोई त्रुटि नहीं छोड़ी। जब वर्दी तैयार हो गई, तो वह उसे लेकर नेपोलियन के पास पहुंचा। नेपोलियन ने वर्दी को बहुत ध्यान से देखा। एक जगह अंगुली रखते हुए यहां गलती रह गई। यह सुनकर दर्जी घबरा गया। नेपोलियन ने तब हंसते हुए कहा कि शासक को छोटी से छोटी गलती पर ध्यान देना चाहिए, तभी वह बड़ी जीत हासिल कर सकता है। दर्जी ने उनकी बात सुनकर राहत की सांस ली।
बोधिवृक्ष : छोटी से छोटी गलती पर भी होनी चाहिए नजर
- Advertisement -
- Advertisement -
RELATED ARTICLES