बेंजामिन फ्रेंकलिन को अमेरिका के संस्थापकों में से एक माना जाता है। वह एक अच्छे राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ बेहतरीन लेखक, वैज्ञानिक, सैनिक और विचारक भी थे। उन्होंने अमेरिका में पहला सार्वजनिक ऋण पुस्तकालय और पेंसिल्वेनिया में पहले अग्नि विभाग की स्थापना की थी। फ्रेंकलिन, एक अखबार के संपादक, मुद्रक और फिलाडेल्फिया में व्यापारी बन गए, जहां पुअर रिचार्ड्स आल्मनैक और द पेन्सिलवेनिया गजेट के लेखन और प्रकाशन से वे बहुत अमीर हो गए। एक बार की बात है।
बेंजामिन फ्रेंकलिन ने एक धनी व्यापारी की मेज पर 20 डॉलर की सोने की गिन्नियां रखते हुए कहा कि सर, आपने मेरे बुरे वक्त में 20 डॉलर देकर मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया था। मैं उसके लिए आपका बहुत आभारी हूं। आज मैं आपका वह कर्ज लौटाने आया हूं। अब मैं इतना सक्षम हूं कि आपका वह कर्ज लौटा सकता हूं। उस धनी व्यापारी ने कहा कि मुझे याद नहीं है कि मैंने कभी किसी की इस तरह की मदद की थी। लेकिन जब फ्रेंकलिन ने कहा कि उन दिनों में एक प्रेस में समाचार पत्र छापता था। मेरी उस दिन तबीयत खराब हो गई थी।
मैंने आपसे बीस डॉलर उधार लिए थे। तब उस व्यापारी को याद आया कि उसने बीस डॉलर किसी को उधार दिए थे। फ्रेंकलिन को उसने उन गिन्नियों को वापस करते हुए कहा कि इसे रख लो और अगर कोई जरूरतमंद दिखे, तो उसे दे दीजिएगा। मैं समझ लूंगा कि मुझे यह पैसा मिल गया। उस पैसे को फ्रेंकलिन ने रख लिया और कुछ दिनों बाद एक युवक की मदद करते हुए कहा कि तुम्हें उधार की रकम लौटानी नहीं है। किसी जरूरतमंद व्यक्ति को यह रकम दे देना, यही मुझे कर्ज वापस करने का तरीका है।
-अशोक मिश्र