हरियाणा स्टेट क्राइम ब्रांच के एंटी एटीएम फ्राड इंवेस्टिगेशन सेल ने धोखाधड़ी के एक सौ से ज्यादा अनट्रेस मामले सुलझा कर एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। सेल ने पिछले दस महीने के दौरान 17 लाख रुपये की रिकवरी के साथ ही 81 ठगों को गिरफ्तार भी किया है। मालूम हो कि कोरोना काल के बाद डिजिटल लेनदेन में काफी तेजी आई है, डेबिट कार्ड से भुगतान का प्रचलन काफी हद तक बढ़ा है। वहीं, पैसा निकालने के लिए बैंक में घंटों लाइन लगाने के बजाय लोग अपनी सहूलियत के मुताबिक एटीएम का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं। और, इसी के साथ लोगों के कार्ड की अदला-बदली के जरिये ठगी के मामलों में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है। इसी के मद्देनजर अगस्त 2022 में प्रदेश के 22 जिलों में एंटी एटीएम फ्राड इंवेस्टिगेशन सेल की स्थापना की गई थी।
विभाग के मुताबिक, इस सेल की स्थापना के पीछे उद्देश्य एटीएम फ्राड के उन मामलों की बारीकी के साथ जांच करना था, जिनके बारे में पुलिस अनट्रेस की रिपोर्ट दे चुकी है। सेल को स्टेट क्राइम ब्रांच की ओर से विभिन्न जिलों के 132 अनट्रेस मामले जांच-पड़ताल के लिए सौंपे गए थे, जिनमें से 110 पर काम जारी है। राज्य अपराध शाखा के एडीजीपी ओपी सिंह स्वयं हर महीने रिपोर्ट लेकर मामलों की प्रगति समीक्षा कर रहे हैं। टीम का प्रयास है कि प्रत्येक अनट्रेस मामले को कम से कम समय में सुलझाया जाए।
मालूम हो कि राज्य पुलिस ने पिछले दिनों विभिन्न जिलों में साइबर अपराधियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी करके उनके नेटवर्क में जबरदस्त सेंध लगाते हुए बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां और बरामदगी की थीं। जालसाजों के खिलाफ विभाग का यह कदम निस्संदेह प्रशंसनीय है, क्योंकि बड़ी संख्या में सीधे-सादे लोग इन आर्थिक अपराधियों द्वारा बेरहमी के साथ लूटे जा रहे हैं। लोगों की गाढ़ी कमाई पलक झपकते उड़ा ली जाती है। ऐसे लुटेरों के आसान शिकार सबसे ज्यादा बुजुर्ग एवं अशिक्षित लोग बन रहे हैं, जिन्हें एटीएम से पैसे निकालने के लिए सहायता की जरूरत पड़ती है और जो विभागीय अथवा वृद्धावस्था पेंशन पर आश्रित हैं। ठग ऐसे लोगों को मदद की पेशकश करके उनके कार्ड बड़ी सफाई से बदल देते हैं।