बुधवार, नवम्बर 29, 2023
16.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

होमEDITORIAL News in Hindiरेल मंत्री के इस्तीफे का औचित्य!

रेल मंत्री के इस्तीफे का औचित्य!

Google News
Google News

- Advertisement -

बालेश्वर (ओडिशा) ट्रेन हादसे के बाद से विभिन्न सियासी दलों द्वारा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग लगातार जारी है। कहा जा रहा है कि विभागीय मंत्री को हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से हट जाना चाहिए। तकरीबन तीन सौ लोग इस हादसे में काल का ग्रास बने और 11 सौ से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए। यह आंकड़ा सरकारी है, प्रभावितों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है, जैसा कि निजी सूत्रों का दावा है। खैर, यहां हमारी चर्चा का बिंदु रेल मंत्री वैष्णव के इस्तीफे पर केंद्रित है। कहना यह है कि किसी भी हादसे या मामले की जिम्मेदारी किसी एक शख्स पर नहीं थोपी जा सकती, क्योंकि खामियों के लिए पूरा सिस्टम दोषी होता है। ओर से छोर तक विशाल नेटवर्क वाले रेलवे के सिग्नल आॅपरेटिंग सिस्टम का रिमोट वैष्णव के हाथों में नहीं रहता, जिसे लेकर वह रेल भवन में बैठते हों। वैष्णव विभाग के मंत्री हैं, कुशल प्रशासक रहे हैं। \

हादसे के बाद मौके पर लगातार उनकी मौजूदगी यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि वह एक संवेदनशील शख्स हैं, उनका भी दिल दूसरों की तरह धड़कता है। और, अगर उनके इस्तीफा देने से पीड़ितों-प्रभावितों के जख्म भर जाएं, तो जरूर ले  लीजिए। लेकिन, आपदा के समय राजनीति किसी भी सूरत में शोभा नहीं देती। ओडिशा रेल हादसा राष्ट्रीय त्रासदी है यानी हम सबकी व्यक्तिगत क्षति। लाशों पर सियासी रोटियां सेंकने वालों को इस देश ने कभी माफ नहीं किया। समय आने पर हर हिसाब चुकता कर लेना यह देश अच्छी तरह जानता है। सवाल यह है कि हादसे से आखिर किसने मुंह मोड़ा? देश के प्रधानमंत्री, रेल मंत्री और दो मुख्यमंत्री पूरे अमले समेत मौके पर मौजूद रहे।

स्थिति का जायजा लेते रहे, बचाव एवं राहत कार्यों की निगरानी करते रहे। ऐसे में, यह जरूर पूछा जाना चाहिए कि जो लोग रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग पर अपना सारा जोर लगाए बैठे हैं, उन्होंने अब तक आखिर क्या किया? कितने लोग मौके पर पहुंचे और प्रभावित परिवारों को उन्होंने कितनी राहत दी? या फिर आपको सिर्फ गाल बजाने की आदत है? जब कभी परिवार पर कोई आपदा आती है, तो सारे सदस्य एक साथ खड़े होते हैं। याद रखिए, हमारा देश भी एक परिवार है।

संजय मग्गू

- Advertisement -

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

ये किताबे बना सकती है आपको ट्रेडिंग का बादशाह

व्यापार का मतलब है किसी चीज को खरीदना और बेचना, आम भाषा में इसे ट्रेडिंग कहा जाता है। यह एक वित्तीय गतिविधि है जिसमें...

खतरें में है आपका Gmail Account , इस तरह करें सेफ

Gmail : ऐसे बहुत से लोग है जो अपनी रोजाना की ज़िन्दगी में Gmail Account का इस्तेमाल करते है लेकिन अब कुछ लोगों का Gmail Account बंद होने वाला है। अगर आप भी उसमें शामिल है जो चलिए जानते है कि आप अपना अकाउंट बंद होने से कैसे बचा सकते है -

गुरु नानक देव ने दी जमींदार को सीख

आज सिख पंथ के संस्थापक और पहले गुरु नानकदेव जी की जयंती है। उनका जन्म कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था। गुरु नानक देव ने जीवन भर पाखंड, अत्याचार, हिंसा का विरोध किया। उन्होंने महिलाओं को पुरुषों के बराबर समझने की सीख दी।

Recent Comments