पलवल। स्कूली वाहनों के बाद अब जिला प्रशासन ने अवैध रूप से चलाए जा रहे प्ले स्कूलों पर कड़ा संज्ञान लिया है। महिला एवं बाल विकास विभाग से कराए गए सर्वे में सामने आया है कि नौनिहालों के लिए जिले में कुल 220 ऐसे स्कूल संचालित हैं लेकिन उनमें से एक पास भी सरकारी पंजीयन ही नहीं है। उपायुक्त नेहा सिंह ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए ऐसे सभी स्कूलों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। छह स्कूलों को नोटिस थमा भी दी गई है।
जला सचिवालय के द्वितीय तल पर स्थित सभागार में जिला के प्ले स्कूलों के संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते उपायुक्त ने कहा कि जिला में सभी प्ले स्कूलों का पंजीकरण होना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन न करवाने पर संबंधित प्ले स्कूल के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाए। उन्होंने प्ले स्कूलों को आगामी 21 सितंबर तक अपना रजिस्ट्रेशन करा लेने को कहा है। इस अवधि के पश्चात पंजीकरण के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे और बिना रजिस्ट्रेशन वाले प्ले स्कूल के खिलाफ कानूनी तौर पर सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी नुपुर ने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार जिले में कोई भी प्ले स्कूलों के नियमों पर खरा नहीं उतर रहा है। केवल एक ही प्ले स्कूल द्वारा विभागीय कार्यालय को पंजीकरण के लिए अप्लीकेशन प्राप्त हुई है। महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी प्रवीण शादाब ने बताया कि बच्चो ंकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा प्ले स्कूलो का पंजीकरण महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत किया जाना है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्ले स्कूल संचालकों से कई बार पंजीकरण के लिए आवेदन करने हेतु अवगत कराया जा चुका है ले्िकन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
प्ले स्कूल के पंजीकरण के नियम
प्ले स्कूल के पंजीकरण के लिए सोसायटी का पंजीकरण होना, प्रॉपर्टी का सोसायटी के नाम एग्रीमेंट होना, तीन वर्ष की वार्षिक आय संबंधी सी.ए. की रिपोर्ट, नगर निकाय से बिल्डिंग का नक्शा पास कराना, अग्नि शमन विभाग से एन.ओ.सी. लेना, पी.डब्लयू.डी. विभाग से बिल्डिंग सेफ्टी सर्टिफिकेट, स्वास्थ्य विभाग से हाईजीन सर्टिफिकेट, प्ले स्कूल के कमरों व कैंपस मे सी.सी.टी.वी. कैमरों का लगा होना, प्ले स्कूल में लगे हुए अध्यापक व कर्मचारियों पर पोक्सो एक्ट 2012 के अनुसार कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं होना, 20 बच्चों के उपर एक अध्यापक व एक केयर टेकर का होना अनिवार्य है।