भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्यसभा की सीट के लिए उपचुनाव में राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष रेखा शर्मा को प्रत्याशी घोषित कर सभी को चौंका दिया है। उनका नाम राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवारों की दौड़ में पहले से कहीं नहीं था, लेकिन पार्टी ने उन्हें अपनी उम्मीदवार घोषित किया। रेखा शर्मा कई दशकों से बीजेपी से जुड़ी हुई हैं और उनके बारे में यह निर्णय बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
रेखा शर्मा की राजनीति में यात्रा
रेखा शर्मा राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के तौर पर नौ साल तक काम कर चुकी हैं। पहले उन्होंने आयोग के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं, बाद में उन्हें आयोग की अध्यक्षता दी गई थी। इस साल अगस्त में उन्होंने महिला आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी राजनीतिक यात्रा खासतौर से बीजेपी के साथ जुड़ी रही है, और पार्टी में उनके अनुभव को महत्व दिया जाता है।
जीत की संभावना
रेखा शर्मा का नामांकन 12 दिसंबर, मंगलवार को दाखिल किया जाएगा। चूंकि विधानसभा में कुल 90 विधायकों में से 51 बीजेपी के साथ हैं, उनके जीतने की संभावना बहुत अधिक मानी जा रही है। पार्टी ने अपने सभी मंत्रियों और विधायकों को चंडीगढ़ में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं, ताकि नामांकन के समय रेखा शर्मा का समर्थन सुनिश्चित किया जा सके।
राज्यसभा की सीट के लिए दौड़ में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, पूर्व सांसद संजय भाटिया, पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई और पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल भी शामिल थे। लेकिन अंत में पार्टी ने रेखा शर्मा के नाम पर मुहर लगाई, जो पार्टी के अंदर और बाहर एक महत्वपूर्ण निर्णय था।
कांग्रेस ने उम्मीदवार न उतारने का फैसला लिया
कांग्रेस ने राज्यसभा सीट के लिए उम्मीदवार न उतारने का निर्णय लिया है। उनके पास सिर्फ 37 विधायक हैं, और इसलिए पार्टी ने यह महसूस किया कि उनके पास पर्याप्त समर्थन नहीं है। दो दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा था कि यदि राज्यसभा के लिए दो सीटें होतीं तो कांग्रेस अपना उम्मीदवार जरूर उतारती। यह दूसरी बार है जब कांग्रेस राज्यसभा सीट के लिए कोई उम्मीदवार नहीं उतार रही है। इससे पहले जब किरण चौधरी को राज्यसभा के लिए चुना गया था, तब भी कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था।
राज्यसभा उपचुनाव के अन्य उम्मीदवार
बीजेपी ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए ओडिशा से सुजीत कुमार और आंध्र प्रदेश से रायागा कृष्णैया को भी अपना उम्मीदवार घोषित किया है। दोनों ही राज्यों में इन नेताओं का समर्थन पार्टी को मजबूत करेगा, और इनका नामांकन भी पार्टी की चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
रेखा शर्मा का नामांकन एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आकर हुआ है, जब चंडीगढ़ में 20 दिसंबर को राज्यसभा की सीट के लिए चुनाव होना है। यह सीट कृष्ण लाल पंवार के इसराना सीट से विधायक बनने के बाद खाली हुई है। इस चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंकी है और उम्मीद की जा रही है कि रेखा शर्मा बीजेपी के समर्थन से यह सीट जीतने में सफल होंगी।
बीजेपी का यह निर्णय राज्यसभा उपचुनाव को लेकर बीजेपी की मजबूत रणनीति और राजनीतिक कौशल को दर्शाता है, साथ ही रेखा शर्मा की पार्टी के अंदर और बाहर के साथ मजबूत स्थिति को भी प्रमाणित करता है।