देश रोज़ाना: हरियाणा में बाढ़ और बरसात के बाद अब डेंगू बीमारी तेजी से बढ़ती जा रही है। डेंगू ने एक बड़ी संख्या को अपनी चपेट में ले लिया है। हरियाणा के 21 जिलों से डेंगू बीमारी का प्रकोप सामने आया है। लोग काफी बड़ी मात्रा में डेंगू मच्छर के प्रभाव में हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 16,344,075 सर्वे में 85901 घरों में मच्छर का लारवा मिला है। मच्छर का लार्वा मिलने के बाद सर्च तेज़ कर दी है।
अब तक 690 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। जोकि चिंता का विषय है। हिंसा प्रभावित नूंह में 1 की डेंगू से मौत होने की पुष्टि हुई है। सबसे अधिक रोहतक जिले में 105 डेंगू के केस मिले हैं। डेंगू के बढ़ते केसों की संख्या के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे का काम तेज कर दिया है।
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले अंबाला में 18 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। वहीं भिवानी में 5, चरखी दादरी में 41, फरीदाबाद में 12, फतेहाबाद में 4, हिसार में 9, झज्जर में 38, जींद में 98, कैथल में 19, करनाल में 33, कुरुक्षेत्र में 9, नूंह में 5, पलवल में 4, पंचकूला में 6, पानीपत में 16, रेवाड़ी में 74, सिरसा में 23, सोनीपत में 37 और यमुनानगर में 79 केस अब तक आ चुके हैं।
हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने बढ़ते डेंगू के मामलों को देखते हुए सर्वे का काम तेज कर दिया है। इसके साथ ही जल निकायो में गंबूसिया मझली का सहारा लेना शुरू कर दिया है। विभाग की ओर से अब तक सूबे में 8870 जल निकायों की पहचान की है। यहां विभाग के द्वारा डेंगू का लारवा खाने के लिए 8050 गंबूसिया मछलियों को छोड़ा गया है।
हरियाणा में पिछले पांच सालों के आंकड़े देखें तो 2022 में सबसे ज्यादा 18 लोगों की डेंगू से मौत हुई थी। पिछले साल सूबे में 8996 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई थी। 2021 में 11835 डेंगू के केस आए थे और 13 लोगों की मौत हुई थी। 2020 में 1377 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई थी, अच्छी बात यह रही कि इस साल मौत का कोई मामला सामने नहीं आया।
वहीं 2019 में 1207, 2018 में 1936 केस मिले थे, इन दोनों साल भी मौत का कोई मामला सामने नहीं आया था।