कविता
जहां एक तरफ सरकार के द्वारा पुराने दिव्यांगता सर्टिफिकेट्स को समाप्त करके नए सर्टीफिकेट बनाए जा रहे हैं। लेकिन उनमें 100 प्रतिशत वाले का 70 और 70 वालों का 40 प्रतिशत दिव्यांग दर्शाया जा रहा है। जिससे दिव्यांगजन परेशान होकर यहां से वहां शिकायत कर रहे थे। लेकिन उनकी कही कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। ऐसी ही एक शिकायत दिव्यांग विभाग के आयुक्त राजकुमार मक्कड़ के पास पहुंची। ईस पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने उक्त मामले पर निर्णय लेते हुए 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग कर्मचारी को उसके घर के आसपास के स्टेशन पर तैनाती देने और दो वर्ष सेवा विस्तार देने का आदेश दिया है। ऐसे आदेश इससे पहले 70 प्रतिशत दिव्यांग व्यक्ति के लिए होता था।
इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए दिव्यांग विभाग के आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने बताया कि पहले 70 प्रतिशत पर नौकरी और दो वर्ष सेवा विस्तार देने का आदेश थे। लेकिन अब ऐसे मामले सामने आ रहे है कि नए आए दिव्यांग कमीशन नियमों में दिव्यांगता प्रतिशतता कम होने के कारण नौकरी खतरे में चली गई है। जिसे देखते हुए निर्णय लिया गया है कि अब 40 प्रतिशत अथवा इससे अधिक दिव्यांग कर्मचारी को उसके घर के आसपास के स्टेशन पर तैनाती देने और दो वर्ष सेवा विस्तार देने का आदेश दिया गया है। जो कि अभी 70 प्रतिशत दिव्यांगता के लिए होता था।
नए आदेशों से परेशान:
दिव्यांगजनों के लिए नए आदेश परेशानी का सबब बन गए हैं। दिव्यांगजनों के जीवन भर के लिए बने सर्टिफिकेट नए नियमों के तहत पूरी तरह से समाप्त हो चुके हैं। जिसके कारण काफी संख्या में दिव्यांगजन परेशान हो रहे हैं। हालांकि दिव्यांग विभाग के आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने जिला स्तर पर हेल्प डेस्क बनाए हुए हैं। लेकिन इन सबके बावजूद भी कुछ दिव्यांगजनों की परेशानी समाप्त नहीं हो पाई है। जिसकी शिकायतें आयुक्त राजकुमार मक्कड़ को ऑनलाइन मिल रही है। जिन पर वह लगातार कार्य कर रहे हैं।
जांच के बाद कैश अवार्ड:
आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने बताया कि उनके पास नौकरी के अलावा अन्य कई तरहकी शिकायतें आती हैं। एक मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि एक मामले का निर्णय करते हुए खेल प्रतियोगिता में भाग लेकर गोल्ड मेडल लेने का झूठा प्रमाण पत्र पेश करके कैश अवार्ड लेने का केस करने वाले कथित पैरा खिलाड़ी और प्रमाण पत्र जारी करने वाले खेल फेडरेशन के विरुद्ध पुलिस कार्रवाई की जा रही है। भविष्य में सभी होने वाले खेलों की गहनता से छानबीन करके ही कैश अवार्ड देने का आदेश पारित किया है।