चंडीगढ़ । हरियाणा से राज्यसभा की खाली हो रही एकमात्र सीट से बीजेपी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को प्रत्याशी घोषित कर दिया । सीएम मनोहर लाल लगातार दिल्ली में पार्टी हाईकमान के समक्ष बराला की पैरवी कर रहे थे । राज्यसभा की इस सीट के लिए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ भी अपने पासे फिट कर रहे थे, लेकिन सीएम मनोहर लाल के दांव के आगे चित हो गए।
ओम प्रकाश धनखड़ व सुभाष बराला दोनों ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं । 2019 के विधानसभा चुनाव में धनखड़ बादली से तथा बराला टोहाना से एमएलए का चुनाव हार गए थे ।बाद में बराला को सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो का चेयरमैन बना दिया गया तो धनखड़ को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया । चेयरमैन बनने के बाद सुभाष बराला जहां सीएम मनोहर लाल के कृपापात्र बने रहे तो वहीं धनखड़ खुद को सीएम कैंडिडेट के तौर पर प्रोजेक्ट करने लगे । तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद धनखड़ को प्रदेशअध्यक्ष से हटाकर राष्ट्रीय सचिव बना दिया गया तथा प्रदेश अध्यक्ष पद पर सीएम मनोहर लाल के बेहद करीबी नायब सिंह सैनी का चयन हो गया ।
राज्यसभा सदस्य डीपी वत्स की रिटायरमेंट के बाद खाली हो रही सीट पर चुनाव की घोषणा के साथ ही प्रत्याशी चयन के लिए चर्चाओं के दौर शुरू हो गए थे । पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ भी राज्यसभा सदस्य बनने के लिए अपने सभी दाव चल रहे थे । प्रदेश की जाट राजनीति को साधने के लिए पार्टी आलाकमान की तरफ से भी धनखड़ का नाम चलाया गया था, लेकिन सीएम मनोहर लाल की जोरदार पैरवी से धनखड़ के अरमान अधूरे रह गए।