प्रदेश सरकार द्वारा बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओं का दिया गया नारा शहर की कई स्लम बस्तियों में सार्थक साबित नहीं हो पा रहा है। इन बस्तियों में अनेक बेटियां कई कारणों से शिक्षा से वंचित हो रही है। ऐसे में बेटियों को समाज सेवियों से मदद की गुहार लगानी पड़ रही है। समाज सेवी सतीश चोपड़ा ने एक बच्ची के भविष्य को ध्यान मेंरखतेहुए मदद के लिए अपना हाथ बढ़ाया है। उन्होंने एक बच्ची को शेल्टर होम में सीडब्ल्यूसी की मदद से रखवाया है। यह बच्ची पारीवारिक कारणों से पढ़ नहीं पा रही थी। इस 11 वर्षीय बच्ची के पढ़ने की इच्छा को देखते हुए उन्होंने उसे पुलिस और सीडब्ल्यूसी के सदस्यों की मदद से चाइल्ड शेल्टर होम में रखवाया है।
यह है पूरा मामला:
सेवा वाहन संचालक समाजसेवी सतीश चोपड़ा ने बताया कि वह पिछले दिनों सेक्टर-55 के निकट बनी झुग्गियों में कपडे वितरित करने के लिए गए थे, जहां उन्हें एक 11 वर्षीय बच्ची महिमा ने आप बीती बताई। उसने बताया कि वह पढ़ना चाहती है, लेकिन उसकी बुआ और पिता के कारण वह छठी के बाद घर बैठी हुई है। जिस पर समाजसेवी सतीश चोपड़ा ने सीडब्ल्यूसी के दफ्तर में बात की, जहां से सीडब्ल्यूसी के सदस्य रविन्द्र ने समाज सेवी के संग जाकर बच्ची से पूछताछ की तो पता चला कि बच्ची महिमा छठी कक्षा तक सेक्टर-55 के सरकारी स्कूल में पढ़ी है। छठी कक्षा पास करने के बाद उसने सातवीं कक्षा में दाखिले के लिए कहा तो बुआ ने मना कर दिया। महिमा ने बताया कि जब वह 11 दिन की थी, तब उसकी मां बचपन में ही उसे छोड़कर चली गई थी। तबसे उसकी दादी ने उसे पाल पोस कर बड़ा किया।
लेकिन जब उसका छठी कक्षा में दाखिला हुआ, तभी एक साल पहले उसकी दादी की मौत हो गई। उसके शराबी पिता ने उसे घर से निकाल दिया। ऐसे में अपनी बुआ के घर रहने लगी। लेकिन छठीं कक्षा पास करने के बाद बुआ ने पैसों की कमी बताते हुए सातवीं कक्षा में दाखिला दिलवाने से मना कर दिया। जिसके बाद वह घरेलू काम करवाने लगी। पिछले दिनं सतीश चोपड़ा उनकी बस्ती में पहुंचे तो उन्हें महिमा ने सारी सच्चाई बताई।जिस पर उन्होंने सीडब्ल्यूसी की मदद से बच्ची को शेल्टर होम में रखवा दिया। जहां रहकर अब बच्ची आगे की पढ़ाई करने का सपना पूरा कर सकेगी।