डंपिंग यार्ड के विरोध में चल रहे रिवाजपुर आंदोलन में एक किशोर के खुद कुशी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रस्तावित कूड़ा घर के विरोध में चार जून को ग्रामीणों ने एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया और सरकार को चेताने के लिए एक कैंडल मार्च निकाला। कैंडल मार्च शुरू होने से पहले ही गांव रिवाजपुर व गांव टिकावली में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। ग्रामीणों ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कहा कि सरकार और उसके मंत्री जनता को परेशानी में झोंक कर दूर भाग रहे हैं। कैंडल मार्च गांव से केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गूजर के कार्यालय तक निकाली जानी थी। लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया। सेव फरीदाबाद के अध्यक्ष पारस भारद्वाज ने हरियाणा सरकार को दमनकारी बताते हुए कहा कि नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन खुले आम हो रहा है। मौलिक अधिकारों की हत्या की जा रही है और अगर सांसद को जनता से इतना ही भय लगता है तो वोट मांगने भी इस क्षेत्र में आने की जरूरत नहीं है।
लाडो ठाकुर ने कृष्णपाल गूजर पर हमला बोलते हुए कहा कि वैसे तो मंत्री किसी के यहाँ भी मौत हो जाये तो सबसे पहले शोक प्रकट करने पहुँच जाते हैं परंतु हमारे गांव के एक 16 वर्ष के बच्चे ने प्रशासन के डर से आत्म हत्या कर ली तो किसी के पास झांकने की भी फुर्सत नहीं है। माला चौहान और मधु चौहान ने कहा कि इस शांति पूर्ण कैंडल मार्च को रोक कर सरकार ने कायरता का परिचय दिया है।
ग्रामीणों का कहना था कि सरकार का रिवाजपुर में कूड़ा घर बनाने का सपना कभी पूरा नहीं होगा। कैंडल मार्च में गांव लालपुर से ललित चौहान, गांव महावत पुर से सरपंच रवि चौहान, कंवर सिंह चौहान, गांव ददसिया से कुलदीप त्यागी, गांव रिवाजपुर से विजयपाल, जसराम, विकास, राजवीर, अभिषेक चौहान, बिंदु, संगीता, सविता, रोहतास, कपिल, बाबा राम केवल इत्यादि सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।