पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता (Kolkata) के सरकारी आर.जी. कर अस्पताल में महिला डॉक्टर की दो महीने पहले हुई हत्या और बलात्कार के मामले में न्याय की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे एक और जूनियर डॉक्टर की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अधिकारी ने बताया कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज (Kolkata) के जूनियर डॉक्टर आलोक वर्मा भी इस अनशन में शामिल थे, और यह दूसरे डॉक्टर हैं जिन्हें तबीयत बिगड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले तीन दिन पहले डॉक्टर अनिकेत महतो की भी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था।
अब रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान के डॉक्टर परिचय पांडा और कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर अलोलिका घोरुई भी इस अनशन में शामिल हो गए हैं। इससे पूरे राज्य में अनशन पर बैठे डॉक्टरों की संख्या 11 हो गई है, जिनमें अस्पताल में भर्ती दो डॉक्टर भी शामिल हैं।
जूनियर डॉक्टरों ने 5 अक्टूबर को कोलकाता (Kolkata) के एस्प्लेनेड इलाके में आमरण अनशन की शुरुआत की थी। उनकी प्रमुख मांगें हैं कि आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की मृतक महिला डॉक्टर को न्याय मिले और स्वास्थ्य सचिव एन.एस. निगम को तुरंत हटाया जाए। इसके अलावा, डॉक्टर राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली, खाली बिस्तरों की निगरानी के लिए एक सिस्टम और अस्पतालों में सीसीटीवी व अन्य सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं।
महिला डॉक्टर का शव 9 अगस्त को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में मिला था, जिसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद आंदोलन शुरू किया था। राज्य सरकार के आश्वासन के बाद उन्होंने 42 दिन बाद 21 सितंबर को अपना आंदोलन खत्म किया था।