आज उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री, जन जन के नेता, गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन है। ये अवसर इसलिए खास है, क्योंकि देश और दुनिया में आज जिस उत्तर प्रदेश के विकास की चर्चा हो रही है, उसका श्रेय योगी आदित्यनाथ को जाता है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने ‘जो कहा, वो करके दिखाया’। मुख्यमंत्री योगी ने दूसरे कार्यकाल से पहले लोक कल्याण संकल्प पत्र में जो संकल्प लिए थे, एक साल के भीतर उन्हें एक-एक कर पूर्ण कर दिखाया। प्रदेश में युवाओं को रोजगार की बात हो, प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को निवेश के लायक बनाने की चुनौती हो, एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हो या फिर माफिया-अपराधियों पर नकेल कसने का संकल्प हो, हर मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ ने जनता के प्रति समर्पण के भाव से प्रभावशाली काम किया है। इन 6 माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ योजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण किया, बल्कि समय-समय पर योजनाओं के विकास की समीक्षा भी की, जिससे कोई योजना सरकारी फाइलों में दब नहीं सकी और पूरी पारदर्शिता के साथ लोगों को उनका लाभ मिल सका।
योगी आदित्यनाथ पांच अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों वाले यूपी में सभी मंडलों को एयर कनेक्ट करने की महात्वाकांक्षी परियोजना पर मिशन मोड में काम कर रहे हैं। यूपी में 1,225 किलोमीटर तक फैले एक्सप्रेस-वे के जाल ने ना सिर्फ यात्राओं को सुगम और तेज बनाया है, बल्कि इनके दोनों ओर डेवलप किये जा रहे औद्योगिक क्षेत्र प्रदेश के विकास को भी गति दे रहे हैं। आने वाले समय में यूपी में 6 नये एक्सप्रेस वे का जाल बिछाया जाना है।
एक्सप्रेस-वे की रफ्तार के साथ ही प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी का जाल बिछाने का कार्य भी तेज गति से चल रहा है। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो प्रदेश के सभी 4600 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हेल्थ एटीएम लगाये जा रहे हैं, 65 जिलों में मेडिकल कॉलेज के अलावा गोरखपुर-रायबरेली में एम्स का संचालन किया जा रहा है। 6.51 करोड़ प्रदेशवासियों को आयुष्मान कार्ड के जरिए 5 लाख रुपये तक के बीमा से कवर किया जा चुका है। मेट्रो को अब गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, झांसी, बरेली और मेरठ में भी चलाने की योजना बनाई जा रही है। आगरा में जल्द मेट्रो की सवारी शुरू होने वाली है।
मुख्तार अंसारी सहित 36 माफिया और उनके शागिर्दों को आजीवन कारावास और दो को फांसी की सजा हुई है। साथ ही पिछले छह माह में प्रदेश स्तर पर चिन्हित 62 माफिया की अवैध रूप से कमाई गई 22 सौ करोड़ से अधिक की संपत्ति को जब्त और ध्वस्त किया गया है। सबसे कम समय में सजा दिलाने में भी उत्तर प्रदेश, देश में पहले स्थान पर है। यूपी पुलिस ने माफिया के गैंग के 860 सहयोगियों के खिलाफ 396 मुकदमे दर्ज कर चार सौ से अधिक को आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 174 पर गुंडा एक्ट, गैंगेस्टर में 355 और 13 आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की है और 310 शस्त्र लाइसेंस भी निरस्त किए हैं। ड्रग माफिया के खिलाफ 24 अगस्त से आठ सितंबर तक चले अभियान में पुलिस ने 2833 संदिग्ध आरोपियों को चिह्नित कर 2479 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की और 2277 मुकदमे दर्ज किए।
वहीं कभी निवेश की राह देखने वाला उत्तर प्रदेश अब इन्वेस्टमेंट के लिए पसंदीदा राज्य बन गया है। ग्लोबल इंवेस्टर समिट-23 में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अबतक करीब 33.50 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए प्रस्तावों से गुजरात सहित दूसरे प्रदेश के समिट में आए निवेश प्रस्तावों का रिकॉर्ड टूटा। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में सबसे ज्यादा निवेश आईटी और इलेक्ट्रानिक्स सेक्टर में 94,632 करोड़ रुपए का हुआ है। योगी सरकार में पिछले साढ़े पांच साल में चार लाख 68 हजार करोड़ रुपये के एमओयू हुए हैं, जिसमें तीन लाख 82 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं धरातल पर उतर चुकी हैं।
योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में ही सेवायोजन के तहत रोजगार मेला के जरिए 93 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिला, जबकि करियर काउंसिलिंग के तहत 1.42 लाख से अधिक को मार्गदर्शन मिला। प्रदेश में 119 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क विकसित किए गए हैं। 87 राजकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था हो चुकी है तो प्रदेश के 27 विश्वविद्यालयों द्वारा राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के साथ 111 अनुबंध किए गए हैं। 26 नवीन राजकीय पॉलीटेक्निक स्वीकृत किए जा चुके हैं तो 24 निर्माणाधीन हैं। खेलों में भी युवाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी बनाने का निर्णय लिया गया, जिसके तहत विभिन्न विभागों में 24 पद चिन्हित किए गए। एक जिला, एक खेल योजना के तहत प्रत्येक जनपद में खेलो इंडिया सेंटर की स्थापना की जा रही है।
‘कन्या सुमंगला’ के तहत राज्य में अब तक 13.67 लाख से अधिक बालिकाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार ने उत्तर प्रदेश में अब तक आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की 1,91,686 बेटियों के हाथ पीले किए हैं। 58,000 ग्राम पंचायतों में बैंकिंग सखी की तैनाती का मकसद बेटियों और महिलाओं को मजबूत बनाना है। बिजली सखियों के रूप में डब्ल्यूएसएचजी के सदस्यों ने अब तक 173.5 करोड़ रुपये से अधिक के बिजली बिलों का संग्रह पूरा किया है। प्रदेश के सभी 1584 थानों (जीआरपी समेत) में महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गई। सभी 1535 पुलिस थानों में 10,417 महिला थाने का गठन किया गया है।
योगी सरकार ने अब तक के कार्यकाल में गन्ने का रिकार्ड भुगतान कर न केवल गन्ना किसानों के लिए गन्ने की मिठास बढ़ा दी बल्कि भुगतान के मुद्दे पर विपक्ष की बोलती बंद कर दी। साल 2012-2017 के दौरान गन्ना किसानों को सिर्फ 95 लाख करोड़ रुपये का भुगतान हुआ। जबकि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद 2017-2022 के दौरान 1.51 लाख करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। अब तक के आंकड़ों को जोड़ लें तो यह भुगतान करीब 1.78 लाख करोड़ रुपये के करीब है। आजादी के बाद से अब तक का रिकॉर्ड है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आज यूपी चहुंमुखी विकास की गाथा लिख रहा है। स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भर हो रहा है। टूटी फूटी सड़कें एक्सप्रेस का रूप ले रही हैं, गरीबों के खाते में सीधे सहायता राशि पहुंच रही है। आज योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में यूपी में रामराज्य की कल्पना साकार हो रही है। मुख्यमंत्री योगी जी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार, गुंडाराज, घोटाला, अपराध, जंगलराज, धांधली, तुष्टीकरण, कोरोना, जबरन धर्मांतरण जैसे राक्षसों पर जबरदस्त प्रहार हो रहे हैं। गुंडे-माफियाओं पर शिकंजा कसता जा रहा है। बदमाश गले में तख्ती डालकर थाने में स्वयं सरेंडर करने आ रहे हैं। मुख्तार जैसे बाहुबली माफिया योगी राज में आने से थर- थर कांप रहा है।
सपा-बसपा की सरकार में बिना रिश्वत कोई काम नहीं होता था, लेकिन प्रभु राम के अनन्य भक्त और उनका अनुसरण करने वाले योगी आदित्यनाथ जब मुख्यमंत्री बने तो बिना रिश्वत लोगों के काम होने लगे। एक समय प्रभु राम की नगरी अयोध्या में जैसा शासन रहा हो, उसी राम राज्य को स्थापित करने की कल्पना साकार होती दिख रही है।
भगवान राम का विचार था कि प्रजा का एक भी व्यक्ति अगर चैन से नहीं हो पा रहा है तो राजा को भी नींद लेने का कोई हक नहीं। जब देश और दुनिया कोरोना से जूझ रहे थे, प्रदेश भी कोरोना की चपेट में था, तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता का निधन हो गया था। आप सबने देखा कि अपने पिता के अंतिम दर्शन करने की बजाय, उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने की बजाय उन्होंने प्रदेश की जनता की सेवा को प्राथमिकता दी।
भगवान राम अपना सुख, चैन त्यागकर, मानव कल्याण के लिए, राक्षसों का सर्वनाश करने निकल पड़े थे। 14 बरस भोग की हर वस्तु का त्यागकर प्रभु राम जमीन पर सोए और नंगे पैर कांटों भरे रास्ते पर चले। आज हमारे प्रदेश के मुखिया, आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी उन्हीं के पदचिन्हों पर चल रहे हैं और उनके बताए मार्ग पर चलकर दिन रात प्रदेश के जनता की सेवा कर रहे हैं। और देखिए कैसा अद्भुत संयोग बना है कि उसी संन्यासी के मुख्यमंत्री रहते 500 साल पुराना सपना पूरा हो रहा है। अयोध्या नगरी में रामलला का भव्य मंदिर बन रहा है। जो रामलला बरसों से टाट में थे, वो अब चांदी के सिहांसन पर विराजमान हैं। जल्द आप सब रामलला के दर्शन कर पाएंगे।
रामराज्य की जो परिकल्पना थी, उसे योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार साकार कर रही है। आज प्रदेश के हर व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान नजर आती है। हर हाथ को रोजगार देने की दिशा में योगी आदित्यनाथ आगे बढ़ रहे हैं। ईश्वर उन्हें जन सेवा कार्य के लिए असीम ऊर्जा प्रदान करें, वे स्वस्थ रहें, दीर्घायु हों, उनके जन्मदिन पर यही कामना है।
डॉ. चंद्रमोहन