इशारों में सबकुछ बयां करने के लिए बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी मशहूर हैं। आज उन्होंने एक ऐसा बयान दिया, जिसके बाद बिहार की राजनीतिक हलचल बढ़ने लगी है। मुख्यमंत्री ने बीजेपी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दौरान भाषण में कहा कि बीजेपी से उनकी दोस्ती तब तक खत्म नहीं होगी जब तक वह जिंदा हैं। अलग हैं तो क्या हुआ लेकिन दोस्ती हमेशा बरकरार रहेगी। 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीएम के इस बयान से कयास लगने लगे हैं कि बीजेपी के साथ उनकी नजदीकियां फिर बढ़ने लगी हैं।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने खूब बजाई ताली
नीतीश कुमार ने खुले मंच से यह बात कही तो भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से जमकर तालियां बजीं। दूसरी तरफ नीतीश कुमार ने तत्कालीन मनमोहन सरकार की आलोचना भी कर दी। दरअसल गुरुवार को महात्मा गांधी के कर्मभूमि बिहार (Bihar) के पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बतौर मुख्य अतिथि समारोह में शामिल हुईं। उनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा नेता व मोतिहारी सांसद राधा मोहन सिंह समेत कई नेता दीक्षांत समारोह के मंच पर तो हॉल में बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
नीतीश कुमार ने कहा, दोस्ती बनी रहेगी..
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीक्षांत समारोह में शामिल छात्र-छात्राओं और अन्य अतिथियों को संबोधित किया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा- जितने लोग हमारे हैं, सब साथी हैं, छोड़िए ना हम अलग हैं, आप अगल हैं तो इससे क्या हुआ, लेकिन हमारा दोस्तिया थोड़े खत्म होगा। जबतक हम जीवित रहेंगे आप लोगों के साथ ही हमारा संबंध रहेगा। चिंता मत करिए। आपके साथ इतना दिन हम रहे हैं और आगे भी हमारा संबंध बना रहेगा। यह कहते हुए नीतीश कुमार हंसने लगे और दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों ने जमकर ताली बजाई। नीतीश कुमार ने कहा कि आप सभी हमारे मित्र हैं, सहयोगी हैं, साथी हैं। सब लोग मिलकर साथ बैठकर तेजी से काम सब करवा दीजिए तो बहुत अच्छा रहेगा तो मुझे बहुत खुशी होगी।
कांग्रेस सरकार की आलोचना कर गए नीतीश कुमार
सेंट्रल यूनिवर्सिटी की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि 2006 और 2007 में ही हम उस समय की सरकार से महात्मा गांधी की धरती (Bihar) पर सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मांग करते रहे। लेकिन मेरी बात नहीं सुनी गई और उन्होंने नहीं दिया। पर 2014 में जब नई सरकार बनी तो मैनें मांग किया। मेरे विशेष अनुरोध को मानते हुए इस सरकार ने दे तोहफा दे दिया। नीतीश जब बोल रहे थे उस समय मंच पर राष्ट्रपति और राधा मोहन सिंह मौजूद थे। नीतीश कुमार के इस बयान से बिहार के सियासी गलियारे में हलचल मच गई है।
पीके ने हरिवंश को बताया नीतीश का रोशनदान
इससे पहले बुधवार को नीतीश कुमार के करीबी रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ा दावा किया था। पीके ने कहा था कि नीतीश कुमार कहीं भी रहें लेकिन, वह हमेशा एक रोशनदान खोल कर रखते हैं और उससे हवा बयार लेते रहते हैं। जब कभी मन होता है तो अंतरात्मा की आवाज सुनकर रोशनदान से निकल जाते हैं और दूसरी ओर चले जाते हैं। पीके ने स्पष्ट किया महागठबंधन उनके लिए दरवाजा है तो राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश रोशनदान हैं। यही वजह है कि बीजेपी और जेडीयू के अलग होने के बाद भी हरिवंश राज्यसभा के सभापति बने हुए हैं।